जी20 समिट में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता पर जोर
जी20 समिट में पीएम मोदी का आतंकवाद पर जोरदार बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 समिट में अन्य देशों के नेताओं के साथ बात करते हुए.
रविवार को जी20 समिट के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने IBSA (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं के साथ आतंकवाद पर चर्चा की। उन्होंने इस मुद्दे पर वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद जैसी गंभीर समस्या का सामना करने के लिए सभी देशों को एकजुट होना चाहिए और किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड को अस्वीकार करना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने तीन देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की नियमित बैठकों की स्थापना का सुझाव भी दिया।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वर्तमान वैश्विक संस्थाएं 21वीं सदी की वास्तविकताओं को सही तरीके से नहीं दर्शाती हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि IBSA को इस संदर्भ में एकजुटता का संदेश देना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका तीन महाद्वीपों और प्रमुख लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो एकजुटता और सहयोग का संदेश फैलाते हैं। इस दौरान, पीएम मोदी ने कई नए प्रस्ताव भी प्रस्तुत किए।
लोकतांत्रिक देशों की जिम्मेदारी और ताकत
पीएम मोदी ने कहा कि IBSA डिजिटल इनोवेशन अलायंस और IBSA फंड फॉर क्लाइमेट-रेसिलिएंट एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्वास्थ्य प्लेटफार्मों और महिला नेतृत्व वाली तकनीकी पहलों को साझा करने के लिए IBSA एक अग्रणी मंच बन सकता है। इससे डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक दक्षिण के लिए समाधान तैयार होंगे। यह तीनों देशों को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान दिला सकता है।
During the G20 Summit in Johannesburg, President Lula of Brazil, President Ramaphosa of South Africa and I held a leaders’ meeting of IBSA, a forum which reflects our enduring commitment to strengthening the voice and aspirations of the Global South. IBSA is no ordinary grouping. pic.twitter.com/s2oKfEEYXN
— Narendra Modi (@narendramodi) November 23, 2025
IBSA वैश्विक स्तर पर डाल सकता है सकारात्मक प्रभाव
पीएम मोदी ने कहा कि मिलेट्स, प्राकृतिक कृषि, हरित ऊर्जा और पारंपरिक चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में सहयोग करके IBSA वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। IBSA फंड ने 40 देशों में 50 परियोजनाओं को लागू किया है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सौर ऊर्जा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया कई मोर्चों पर विभाजित है, ऐसे में IBSA एकजुटता, सहयोग और मानवता का संदेश दे सकता है.
