जालौन में पुलिस इंस्पेक्टर की संदिग्ध मौत: महिला सिपाही की भूमिका पर जांच
जालौन में इंस्पेक्टर की मौत का मामला
जालौन। जालौन के कोंच कोतवाली प्रभारी की मौत के मामले में नए तथ्य सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, अरुण कुमार राय की महिला सिपाही से करीबी संबंध बन गए थे। पुलिसकर्मियों के मुताबिक, महिला सिपाही ने थाना प्रभारी के कुछ वीडियो और चैट अपने पास रखे थे, जिससे वह उन्हें परेशान कर रही थी।
अरुण कुमार राय की पत्नी ने रिपोर्ट दर्ज कर महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को हिरासत में लिया है। पुलिस मामले की गहराई में जाने के लिए जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार, मीनाक्षी और अरुण के बीच की नजदीकियां उनकी मौत का कारण बन सकती हैं।
घटना की शुरुआत मार्च 2024 में हुई, जब मीनाक्षी की तैनाती कोंच कोतवाली में हुई। कुछ महीनों बाद, 5 जुलाई 2024 को अरुण को प्रभारी निरीक्षक बनाया गया। दोनों लगभग सात महीने तक एक ही थाने में रहे।
22 फरवरी 2025 को अरुण का स्थानांतरण उरई कोतवाली कर दिया गया, जबकि मीनाक्षी को 28 अप्रैल 2025 को यूपी 112 यूनिट में भेजा गया। इसके बावजूद, वह कोंच के सरकारी आवास में रहकर ड्यूटी करती रही। अरुण के उरई जाने के बाद मीनाक्षी का व्यवहार बदल गया था, जिससे वह उन पर दबाव बनाने लगी।
लोगों का मानना है कि महिला सिपाही से बढ़ती नजदीकियां ही उनकी मौत का कारण हो सकती हैं। पुलिस ने थाना प्रभारी के आवास को सील कर दिया है और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है।
पत्नी माया ने कहा कि उनके पति मानसिक रूप से मजबूत थे और आत्महत्या नहीं कर सकते। उन्होंने हत्या का आरोप लगाया है। मीनाक्षी के मोबाइल से कई राज खुल सकते हैं।
महिला सिपाही और थाना प्रभारी के बीच बातचीत का रिकॉर्ड भी मिला है। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है।
क्या अरुण की जान ब्लैकमेलिंग के कारण गई? यह सवाल अब उठ रहा है। अरुण कुमार राय ने अपने कार्यकुशलता के लिए पुलिस महकमे में एक अलग पहचान बनाई थी। उनकी मौत ने परिवार और समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है।
पत्नी माया बार-बार बेहोश हो जा रही थीं, जबकि उनकी मां प्रभावती का विलाप हर किसी को भावुक कर रहा था।
