जामिया के प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे का विवादित सवाल: जानें उनकी पृष्ठभूमि

जामिया मिलिया इस्लामिया में चल रहे सेमेस्टर परीक्षाओं के दौरान एक विवादास्पद सवाल ने देशभर में हलचल मचा दी है। प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे द्वारा पूछे गए इस प्रश्न में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के बारे में लिखा जाने को कहा गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया। जानें प्रोफेसर शहारे की शैक्षणिक पृष्ठभूमि और जेएनयू से उनके संबंध के बारे में।
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जामिया के प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे का विवादित सवाल: जानें उनकी पृष्ठभूमि

जामिया में चल रहे सेमेस्टर एग्जाम का विवाद

जामिया के प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे का विवादित सवाल: जानें उनकी पृष्ठभूमि


जामिया मिलिया इस्लामिया में इन दिनों सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं। हाल ही में एक प्रश्न ने देशभर में विवाद खड़ा कर दिया है। बीए ऑनर्स सोशल वर्क के परीक्षा में छात्रों से पूछा गया कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार के बारे में लिखें और उदाहरण दें। इस प्रश्न का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जामिया प्रशासन ने प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।


प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे की पहचान

प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे जामिया के सोशल वर्क विभाग में पढ़ाते हैं और पिछले 22 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने 2007 से जामिया में कार्य करना शुरू किया और इससे पहले तिरपुडे कॉलेज ऑफ़ सोशल वर्क, नागपुर यूनिवर्सिटी, और दिल्ली विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया है।


जेएनयू से संबंध

प्रोफेसर शहारे का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से भी संबंध है। उन्होंने जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंस से पीएचडी-एमफिल की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा, उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस से एमए किया है और नागपुर यूनिवर्सिटी से MSW की डिग्री हासिल की है।


सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

जामिया के सेमेस्टर परीक्षा में विवादास्पद प्रश्न पूछने के बाद प्रोफेसर शहारे के खिलाफ सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोग उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, जामिया प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है और फिलहाल किसी भी प्रकार की FIR दर्ज करने से इनकार किया है।