जादूगर की कला से मंत्रमुग्ध प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज, जो वृंदावन के एक प्रसिद्ध संत हैं, हाल ही में एक जादूगर के अद्भुत प्रदर्शन के गवाह बने। जादूगर ने अपने जादू से महाराज और उपस्थित सभी लोगों को हंसाया। उसने एक समाचार पत्र को फाड़कर फिर से जोड़ने का जादू दिखाया और मोतियों की माला के माध्यम से भारत की विविधता का प्रतीक प्रस्तुत किया। जानें इस मजेदार घटना के बारे में और कैसे प्रेमानंद महाराज ने जादूगर की कला की सराहना की।
 | 
जादूगर की कला से मंत्रमुग्ध प्रेमानंद महाराज

जादूगर से मिले प्रेमानंद महाराज

जादूगर की कला से मंत्रमुग्ध प्रेमानंद महाराज

जादूगर का जादू देख हंसते प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज का परिचय: प्रेमानंद महाराज एक प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु हैं, जो वृंदावन के केली कुंज आश्रम में निवास करते हैं। वे अपने प्रवचनों के माध्यम से भक्तों को ईश्वर की भक्ति और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उनके प्रवचन सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

हाल ही में, प्रेमानंद महाराज के आश्रम में एक जादूगर ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। उसने महाराज और वहां उपस्थित सभी लोगों को अपने जादू से हंसाया।

जादूगर का प्रदर्शन:

जादूगर ने सबसे पहले प्रेमानंद महाराज को प्रणाम किया और फिर एक समाचार पत्र लेकर उसके पन्ने दिखाए। इसके बाद उसने उसे फाड़ दिया और जादू से उसे फिर से सही कर दिया। इस पर प्रेमानंद महाराज ने हंसते हुए पूछा कि यह कैसे संभव है, तो जादूगर ने कहा कि वह इसका राज नहीं बताएगा।

मोतियों की माला का जादू

इसके बाद, जादूगर ने एक मोतियों की माला दिखाई और कहा कि यह माला भारत की विविधता का प्रतीक है। उसने एक अन्य महाराज से माला को काटने के लिए कहा और मोतियों को उनके हाथ में रख दिया। फिर उसने धागा निकालकर हाथ बंद करवा दिए।

प्रेमानंद महाराज की हंसी

जादूगर ने माला के धागे को तीन बार कैंची से काटा और मोतियों को फिर से जोड़ दिया। जब प्रेमानंद महाराज ने देखा कि माला फिर से जुड़ गई है, तो वे जोर से हंसने लगे।

ये भी पढ़ें: Guru Gobind Singh Jayanti 2025: पटना में जन्म और पांच प्यारे गोबिंद राय कैसे बने सिक्खों के 10वें गुरु गोविंद सिंह