जातिगत हिंसा का मामला: इटावा में कथा वाचकों का सिर मुंडवाने की घटना

इटावा के दंदारपुर गांव में एक विवादास्पद घटना में कथा वाचकों का सिर मुंडवाने का मामला सामने आया है। यह घटना जातिगत हिंसा का प्रतीक बन गई है, जिसके बाद स्थानीय समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मंत्री ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
 | 
जातिगत हिंसा का मामला: इटावा में कथा वाचकों का सिर मुंडवाने की घटना

इटावा में जातिगत हिंसा की घटना

शनिवार की रात को इटावा के दंदारपुर गांव में एक विवादास्पद घटना घटी, जिसमें कथा वाचक मुकुट मणि सिंह यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव का सिर मुंडवा दिया गया। यह घटना तब सामने आई जब सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद सोमवार को पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कथा वाचक और उनके सहयोगी गांव में भगवद गीता का पाठ करने गए थे, जहां स्थानीय लोगों ने उनकी जाति के बारे में सवाल उठाए और उन पर हमला किया।


कुछ दिन बाद, जब यादव समुदाय के सदस्यों ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ितों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, तो तनाव और बढ़ गया।


22-23 जून की रात को कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने कथा वाचकों का सिर मुंडवाया और उन्हें अपमानित किया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोग यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि 'ब्राह्मणों के गांव में आने की सजा मिल रही है।'


इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में जाति को आधार नहीं बनाती। उन्होंने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का आश्वासन दिया।


मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।


वीडियो के वायरल होने के बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की तैनाती की गई थी।


प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। संत सिंह यादव ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनका सिर मुंडवा दिया गया।


इस घटना की निंदा करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन बताया और कार्रवाई न होने पर बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।