जल प्रतिधारण से बचने के उपाय: पानी पीने के फायदों को जानें
जल प्रतिधारण के कारण और उपाय
यदि आपको लगता है कि अधिक पानी पीने से जल प्रतिधारण हो सकता है, तो यह एक गलत धारणा है। जल प्रतिधारण मुख्यतः अधिक नमक या चीनी के सेवन, हार्मोनल असंतुलन, हीमोग्लोबिन की कमी, एलर्जी, या अन्य कारणों से होता है.
बीमारी के कारण
जब शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलता, तो सूजन का अनुभव होता है। अधिक पानी पीने से शरीर को अतिरिक्त पानी जमा करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके अलावा, अधिक नमक और विषाक्त पदार्थ भी मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं. प्यास न लगने पर भी थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए.
लक्षण क्या हैं?
हाथ, पैरों और चेहरे पर सूजन, एडियों और टांगों में दर्द, वजन में वृद्धि या कमी, त्वचा पर निशान, और हायपोथायरॉइड जैसे लक्षण जल प्रतिधारण के संकेत हो सकते हैं.
फाइबर युक्त आहार लें
फाइबर युक्त आहार लेने से पाचन क्रिया में मदद मिलती है, जिससे आंतों में अधिक पानी अवशोषित होता है। ब्रोकली, बेरी, ओट्स और बीन्स जैसे खाद्य पदार्थ फाइबर से भरपूर होते हैं.
पानी को स्वादिष्ट बनाएं
पानी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें कुछ हर्ब्स मिलाए जा सकते हैं। जैसे एपल सीडर विनेगर, मेथी, दालचीनी, और धनिया के दाने मिलाकर पीने से शरीर में पोटैशियम और सोडियम का संतुलन बना रहता है.
बचाव के उपाय
सक्रिय रहें, संतुलित आहार लें, और डीहाइड्रेशन वाली चीजों से बचें, विशेषकर नमक से। नियमित 30 मिनट की एक्सरसाइज करें ताकि शरीर से विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल सकें. अल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें, और सेब, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, और चुकंदर जैसे प्राकृतिक डाययूरेटिक का सेवन करें.
विटामिन बी6 का महत्व
महिलाओं को जल प्रतिधारण से बचने के लिए विटामिन बी6 युक्त आहार लेना चाहिए। यह डाययूरेटिक होते हैं और मूत्र उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं. बी6 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला, अखरोट, और आलू का सेवन करें.
पोटैशियम का सेवन
पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जल प्रतिधारण में पोटैशियम और सोडियम का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। संतरा, तरबूज, केला, अनार, पपीता, और आम जैसे फल पोटैशियम के अच्छे स्रोत हैं.