जर्मनी के बैंक में ट्रांसफर की चौंकाने वाली गलती: 2,000 करोड़ रुपये का लेन-देन

जर्मनी के एक बैंक में एक थके हुए क्लर्क ने गलती से 2,000 करोड़ रुपये का ट्रांसफर कर दिया, जिससे बैंक की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठे। इस घटना ने न केवल क्लर्क बल्कि सुपरवाइज़र को भी विवाद में डाल दिया। अदालत ने सुपरवाइज़र की बर्खास्तगी को अनुचित ठहराया और बैंक को बेहतर ऑटोमेटेड सिस्टम लाने का निर्देश दिया। जानें इस चौंकाने वाली घटना के बारे में और क्या हुआ अदालत में।
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जर्मनी के बैंक में ट्रांसफर की चौंकाने वाली गलती: 2,000 करोड़ रुपये का लेन-देन

बैंक में अजीबोगरीब घटना

जर्मनी के बैंक में ट्रांसफर की चौंकाने वाली गलती: 2,000 करोड़ रुपये का लेन-देन


जर्मनी के एक बैंक में एक अनोखी घटना ने सबको चौंका दिया है। एक थका हुआ बैंक क्लर्क ने गलती से 64.20 यूरो की बजाय 222,222,222.22 यूरो (लगभग 2,000 करोड़ रुपये) का ट्रांसफर कर दिया। यह गलती तब हुई जब क्लर्क काम करते-करते की-बोर्ड पर सो गया और उसकी उंगली लंबे समय तक एक बटन पर दबी रही।


गलती का पता कैसे चला?

एक अन्य कर्मचारी ने इस गलती को सबसे पहले देखा। इस घटना ने बैंक की सुरक्षा और निरीक्षण प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। यदि यह गलती समय पर नहीं पकड़ी जाती, तो बैंक के लिए यह एक बड़ी समस्या बन सकती थी।


सुपरवाइज़र की बर्खास्तगी

इस घटना के बाद केवल क्लर्क ही नहीं, बल्कि सुपरवाइज़र भी सवालों के घेरे में आ गए, जिन्होंने इस बड़ी राशि के ट्रांसफर को बिना जांचे मंजूरी दे दी थी। इसके परिणामस्वरूप, बैंक ने सुपरवाइज़र को नौकरी से निकाल दिया, जिससे मामला अदालत तक पहुंच गया।


अदालत का निर्णय

जर्मनी के हेस्से राज्य के लेबर कोर्ट ने सुपरवाइज़र की बर्खास्तगी को अनुचित ठहराया। अदालत ने कहा कि सुपरवाइज़र पर प्रतिदिन सैकड़ों दस्तावेजों की समीक्षा का दबाव था। घटना के दिन, उन्होंने 812 दस्तावेजों की जांच की थी, जिसमें प्रत्येक पर केवल कुछ सेकंड का समय दिया जा सकता था।


कोर्ट ने यह भी कहा कि सुपरवाइज़र ने जानबूझकर गलती नहीं की और इसे गंभीर लापरवाही नहीं माना जा सकता। अदालत ने बैंक को निर्देश दिया कि वे उन्हें फिर से काम पर रखें और भविष्य में बेहतर ऑटोमेटेड सिस्टम लागू करें।


सामाजिक मीडिया पर बहस

इस घटना ने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दिया है। कई उपयोगकर्ताओं ने बैंक की प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए। कुछ ने तर्क किया कि एक बेहतर ऑटोमेटेड फ्लैगिंग सिस्टम इस तरह की बड़ी गलती को रोक सकता था।


कुछ लोगों ने सुपरवाइज़र पर दोष लगाया, जबकि अन्य ने उनके काम के दबाव को जिम्मेदार ठहराया। कई लोगों ने सुझाव दिया कि बैंकिंग सिस्टम में बड़ी रकम के लेन-देन के लिए कई स्तरों पर मंजूरी की आवश्यकता होनी चाहिए।