जयशंकर ने कहा, ट्रंप और मोदी के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुआ

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुआ। उन्होंने भारत की पाकिस्तान के मामलों में मध्यस्थता के खिलाफ स्थिति को स्पष्ट किया और कांग्रेस पर भी निशाना साधा। जयशंकर ने 1960 में नेहरू के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि के प्रबंधन में सुधार किया है। इस चर्चा में भारत-पाकिस्तान संबंधों और ऐतिहासिक संदर्भों पर भी प्रकाश डाला गया।
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जयशंकर ने कहा, ट्रंप और मोदी के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुआ

राज्यसभा में जयशंकर का बयान

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि 22 अप्रैल से 16 जून के बीच राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुआ। उन्होंने कहा, "मैं उन्हें बताना चाहता हूं, वे ध्यान से सुनें। 22 अप्रैल से 16 जून तक, राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच एक भी फोन कॉल नहीं हुआ।"


भारत-पाकिस्तान वार्ता पर स्पष्टता

उन्होंने भारत की पाकिस्तान के मामलों में मध्यस्थता के खिलाफ दृढ़ स्थिति को दोहराते हुए कहा कि किसी भी संवाद को द्विपक्षीय होना चाहिए और पाकिस्तान को संघर्ष समाप्त करने के लिए औपचारिक अनुरोध करना चाहिए। जयशंकर ने कहा, "जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो कई देशों ने हमसे संपर्क किया कि स्थिति कितनी गंभीर है और यह कब तक चलेगा। हमने सभी देशों को यही संदेश दिया कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए खुले नहीं हैं।"


कांग्रेस पर निशाना

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे इतिहास के साथ असहज हैं। उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया। जयशंकर ने कहा, "सिंधु जल संधि कई मायनों में एक अनोखी संधि है।"


नेहरू पर आलोचना

जयशंकर ने 1960 में संसद में जवाहरलाल नेहरू के बयान पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "30 नवंबर 1960 को उन्होंने कहा था कि क्या यह सदन पानी या पैसे की आपूर्ति के मात्रा का निर्णय करेगा।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि और अनुच्छेद 370 के प्रबंधन में नेहरू की "गलतियों" को "सुधारा" है।