जयशंकर का रूस दौरा: भारत की स्थिति को मजबूती से पेश किया
भारत के विदेश मंत्री का प्रभावशाली रूस दौरा
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर वर्तमान में रूस के दौरे पर हैं। जैसे ही वह रूस पहुंचे, उन्होंने एक ऐसा बयान दिया जिसने भारत के विरोधियों को चौंका दिया। जयशंकर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी का प्रभावी जवाब दिया, जिससे पूरी दुनिया हैरान रह गई। एस. जयशंकर ने एससीओ की बैठक में दिल्ली में हुए बम विस्फोट के संदर्भ में पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों को खुला चुनौती दी, जिससे हाफिज मसूद के आतंकवादी नेटवर्क में हड़कंप मच गया। इस बयान ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को घबराहट में डाल दिया। दरअसल, रूस के राष्ट्रपति पुतिन जल्द ही भारत आने वाले हैं, जिससे कई देशों में तनाव बढ़ गया है।
जयशंकर की धमाकेदार मुलाकात
जयशंकर ने रूस में पहुंचते ही वहां के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव के साथ महत्वपूर्ण मुलाकात की। इसके बाद, उन्होंने एससीओ की बैठक में भारत की भू-राजनीतिक भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री के सामने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत को जवाब देने का पूरा अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि एससीओ की स्थापना का उद्देश्य अलगाववाद, चरमपंथ और आतंकवाद से लड़ना है, और आज ये खतरे पहले से अधिक गंभीर हो गए हैं। उन्होंने दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की अपील की और कहा कि भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा का पूरा अधिकार है।
आतंकवाद पर सख्त संदेश
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के मामलों में कोई बहाना या टालमटोल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी आतंकवाद को बढ़ावा देगा, भारत उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हमेशा तैयार है। यह पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत कभी भी उस पर हमला कर सकता है। जब जयशंकर आतंकवाद के खिलाफ अपने विचार रख रहे थे, तब बैठक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार भी मौजूद थे, जो चुपचाप उनकी बातें सुनते रहे।
ट्रंप की चेतावनी का जवाब
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जयशंकर के रूस पहुंचने से पहले चेतावनी दी थी कि रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। लेकिन जयशंकर ने रूस पहुंचते ही ट्रंप की चेतावनी का जवाब देते हुए कहा कि भारत और रूस का विकास न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय समझौते और नई परियोजनाएं शुरू होने वाली हैं, जो विशेष रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेंगी। जयशंकर का यह बयान ट्रंप के लिए एक स्पष्ट जवाब माना जा रहा है।
