जयशंकर का अमेरिका को संदेश: व्यापार समझौते में भारत की लक्ष्मण रेखाओं का सम्मान होना चाहिए

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की 'लक्ष्मण रेखाओं' का सम्मान होना चाहिए और व्यापार समझौते में इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। जयशंकर ने अमेरिका के साथ कुछ मुद्दों की पहचान की है, जिनका समाधान आवश्यक है। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते की आवश्यकता के बारे में।
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जयशंकर का अमेरिका को संदेश: व्यापार समझौते में भारत की लक्ष्मण रेखाओं का सम्मान होना चाहिए

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव

जयशंकर का अमेरिका को संदेश: व्यापार समझौते में भारत की लक्ष्मण रेखाओं का सम्मान होना चाहिए

एस जयशंकर

अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ के कारण भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ गया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि किसी भी व्यापारिक समझौते में भारत की ‘लक्ष्मण रेखाओं’ का सम्मान होना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच एक साझा आधार खोजने की कोशिशें जारी हैं।

जयशंकर ने एक कार्यक्रम के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया कि भारत और अमेरिका के बीच कुछ मुद्दे हैं, जिनमें से कई प्रस्तावित व्यापार समझौतों के अंतिम रूप न दिए जाने से संबंधित हैं। यह बयान कौटिल्य इकोनॉमिक एन्क्लेव में विदेश नीति के स्वरूप पर चर्चा के दौरान दिया गया।

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौता बनाना आवश्यक है, क्योंकि अमेरिका वैश्विक बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की लक्ष्मण रेखाओं का सम्मान होना चाहिए।

अमेरिका के साथ मुद्दों की पहचान

जयशंकर ने कहा, “हमारे सामने अमेरिका के साथ कुछ मुद्दे हैं। इसका एक बड़ा कारण यह है कि हम व्यापार वार्ता में ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं, जिसके कारण भारत पर एक निश्चित शुल्क लगाया जा रहा है।”

उन्होंने यह भी बताया कि एक दोहरा शुल्क भी है, जिसे लेकर भारत ने सार्वजनिक रूप से अपनी असहमति जताई है। यह शुल्क रूस से ईंधन खरीदने के कारण लगाया गया है, जबकि कई अन्य देश भी ऐसा कर रहे हैं।

टैरिफ का कारण

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करने के बाद से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में गंभीर तनाव उत्पन्न हुआ है। इसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है।

हालांकि, पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच हुई बातचीत के बाद व्यापार समझौते पर काम करने के प्रयास किए गए हैं।

व्यापारिक समझौते की आवश्यकता

जयशंकर ने कहा, “अंत में, अमेरिका के साथ एक व्यापारिक समझौता बनाना आवश्यक है, क्योंकि वह दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और अधिकांश देशों ने अमेरिका के साथ ऐसे समझौते कर लिए हैं।”

भारत का दृष्टिकोण

भारत के दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें वह आधार तलाशना है, जिसमें भारत की लक्ष्मण रेखाओं का सम्मान हो। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि संबंधों में तनाव का बातचीत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ रहा है।

समस्याओं का समाधान

उन्होंने बताया कि समस्याएं और मुद्दे हैं, जिनका समाधान आवश्यक है। हम इन्हीं मुद्दों पर चर्चा और समाधान के प्रयास कर रहे हैं।

जयशंकर ने कहा, “मैं मुद्दों से ज्यादा निहितार्थ निकालने से बचूंगा। मुझे लगता है कि संबंधों का एक बड़ा हिस्सा पहले की तरह ही है या कुछ मामलों में तो पहले से भी बेहतर है।”

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दुनिया इस समय बदलावों से गुजर रही है, और इसके रणनीतिक परिणाम स्पष्ट हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थाओं और नियमों को कमजोर होते और कभी-कभी समाप्त होते देखा है।