जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026: दिग्गजों की नई सूची का अनावरण
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 का 19वां संस्करण 15 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। इस बार कई प्रमुख हस्तियों जैसे अर्चना शर्मा, एस्तेर डुफलो, और किरण देसाई की उपस्थिति की पुष्टि की गई है। फेस्टिवल में साहित्य, कला, और संस्कृति पर गहन चर्चा होगी, जिसमें 350 से अधिक स्पीकर्स शामिल होंगे। इस साल का फोकस भारतीय भाषाओं और साहित्य की विविधता पर होगा। जानें और क्या खास होने वाला है इस प्रतिष्ठित उत्सव में!
| Nov 1, 2025, 12:38 IST
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 19वां संस्करण
15 जनवरी से शुरू होने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 19वें संस्करण के लिए आमंत्रित मेहमानों की सूची जारी की गई है। हाल ही में दो और प्रमुख हस्तियों के नाम का खुलासा किया गया है। इस बार फेस्टिवल में जिनेवा की वरिष्ठ भौतिक विज्ञानी अर्चना शर्मा, भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन, नोबेल पुरस्कार विजेता एस्तेर डुफलो, और आयरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री लियो वराडकर के साथ-साथ बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका किरण देसाई, कवि जीत थायिल और व्यंग्यकार इयान हिसलोप भी शामिल होंगे.
साहित्य और संवाद का अद्वितीय उत्सव
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को किताबों, विचारों और कहानियों का सबसे प्रतिष्ठित उत्सव माना जाता है। यहां दुनियाभर से कला, अभिनय और लेखन के क्षेत्र की कई प्रसिद्ध हस्तियां एकत्र होती हैं। इस साल का फेस्टिवल जयपुर के क्लार्क्स आमेर होटल में 15 जनवरी से शुरू होगा और यह 19 दिनों तक चलेगा.
विविध विषयों पर चर्चा
फेस्टिवल में बिखरता है विभिन्न विषयों का रंग-संवाद
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में साहित्य, विचार, संवाद और संस्कृति का अद्वितीय संगम होता है, जो कला के प्रति रुचि रखने वालों के लिए विशेष होता है। इस साल आयोजनकर्ता टीमवर्क आर्ट्स और वेदांता द्वारा 19वें संस्करण का आयोजन किया जाएगा। यह फेस्टिवल करीब दो दशकों से एक ऐसा मंच है जहां कहानी, कविता, इतिहास, कला, विज्ञान, भू-राजनीति, मानसिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, लैंगिकता, सिनेमा, रंगमंच, और किताबों पर गहराई से चर्चा होती है.
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में साहित्य, विचार, संवाद और संस्कृति का अद्वितीय संगम होता है, जो कला के प्रति रुचि रखने वालों के लिए विशेष होता है। इस साल आयोजनकर्ता टीमवर्क आर्ट्स और वेदांता द्वारा 19वें संस्करण का आयोजन किया जाएगा। यह फेस्टिवल करीब दो दशकों से एक ऐसा मंच है जहां कहानी, कविता, इतिहास, कला, विज्ञान, भू-राजनीति, मानसिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, लैंगिकता, सिनेमा, रंगमंच, और किताबों पर गहराई से चर्चा होती है.
प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति
इस साल JLF में शामिल होंगी ये दिग्गज हस्तियां
15 जनवरी से शुरू होने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शोभा डे, आनंद नीलकंठन और विश्वनाथन आनंद जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। जारी की गई सूची के अनुसार, इस बार JLF में साहित्य, इतिहास, पत्रकारिता, कला और विज्ञान से जुड़े कई अंतरराष्ट्रीय और भारतीय दिग्गज शामिल होंगे, जिनमें अनामिका, अनुराधा रॉय, बानू मुश्ताक, भावना सोमैया, एडवर्ड लूस, एलेनर बैराक्लफ, गोपालकृष्ण गांधी, हैली रूबेनहोल्ड, हरलीन सिंह संधू, हेलेन मोल्सवर्थ, जॉन ली एंडरसन, जंग चांग, के. आर. मीरा, केट मॉस, किम घाटस, मनु जोसेफ, ओल्गा टोकार्चुक, टिमोथी बर्नर्स-ली, रश्मि नारजरी, रुचिर जोशी, सलमा, शोभा डे, स्टीफ़न फेय और विश्वनाथन आनंद जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं.
15 जनवरी से शुरू होने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शोभा डे, आनंद नीलकंठन और विश्वनाथन आनंद जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। जारी की गई सूची के अनुसार, इस बार JLF में साहित्य, इतिहास, पत्रकारिता, कला और विज्ञान से जुड़े कई अंतरराष्ट्रीय और भारतीय दिग्गज शामिल होंगे, जिनमें अनामिका, अनुराधा रॉय, बानू मुश्ताक, भावना सोमैया, एडवर्ड लूस, एलेनर बैराक्लफ, गोपालकृष्ण गांधी, हैली रूबेनहोल्ड, हरलीन सिंह संधू, हेलेन मोल्सवर्थ, जॉन ली एंडरसन, जंग चांग, के. आर. मीरा, केट मॉस, किम घाटस, मनु जोसेफ, ओल्गा टोकार्चुक, टिमोथी बर्नर्स-ली, रश्मि नारजरी, रुचिर जोशी, सलमा, शोभा डे, स्टीफ़न फेय और विश्वनाथन आनंद जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं.
भारतीय भाषाओं और साहित्य पर केंद्रित
इस बार JLF भारतीय भाषाओं और साहित्य पर होगा केंद्रित
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हर साल एक विशेष थीम पर चर्चा होती है। इस बार के 19वें संस्करण में भारतीय भाषाओं और साहित्य की विविधता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें नोबेल और बुकर पुरस्कार विजेताओं से लेकर इतिहासकारों, सांस्कृतिक विशेषज्ञों, राजनीतिक विश्लेषकों और दिग्गज खिलाड़ियों तक अपनी बात रखेंगे. यह फेस्टिवल केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि विचार और सहानुभूति का ऐसा मंच है जो समाजों को जोड़ता है.
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हर साल एक विशेष थीम पर चर्चा होती है। इस बार के 19वें संस्करण में भारतीय भाषाओं और साहित्य की विविधता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें नोबेल और बुकर पुरस्कार विजेताओं से लेकर इतिहासकारों, सांस्कृतिक विशेषज्ञों, राजनीतिक विश्लेषकों और दिग्गज खिलाड़ियों तक अपनी बात रखेंगे. यह फेस्टिवल केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि विचार और सहानुभूति का ऐसा मंच है जो समाजों को जोड़ता है.
