जयपुर में सफाई अभियान: विकास समितियों की सक्रियता से चमक रही कॉलोनियां

जयपुर की कॉलोनियों में सफाई का कार्य अब केवल शहरी सरकारों की जिम्मेदारी नहीं रह गया है। विकास समितियां सक्रियता से सफाई का खर्च उठाकर अपने क्षेत्रों को साफ-सुथरा बना रही हैं। विशेष सफाई अभियानों में स्थानीय लोग भी भाग लेते हैं, जिससे कॉलोनियों की स्थिति में सुधार हो रहा है। हालांकि, सफाईकर्मियों की कमी और उनकी छुट्टियों के कारण कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। जानें कैसे ये समितियां अपने संसाधनों का उपयोग कर सफाई व्यवस्था को बेहतर बना रही हैं।
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जयपुर में सफाई अभियान: विकास समितियों की सक्रियता से चमक रही कॉलोनियां

स्वच्छता ही संस्कार अभियान

राजधानी जयपुर की कई कॉलोनियों में सफाई का कार्य अब केवल शहरी सरकारों की जिम्मेदारी नहीं रह गया है। यहां की विकास समितियां भी सक्रियता से सफाई का खर्च उठाने लगी हैं। सुबह के समय जब सड़कें खाली होती हैं, तब नियमित सफाई का काम किया जाता है।


सफाई के विशेष अभियान

कई कॉलोनियों में हर 15 दिन में विशेष सफाई अभियान आयोजित किया जाता है, जिसमें स्थानीय लोग भी सहयोग करते हैं। विकास समितियों के पास अपने संसाधन भी हैं, जिससे वे सफाई व्यवस्था को बेहतर बना रहे हैं। जयपुर के वैशाली नगर, चित्रकूट, सिरसी रोड और जगतपुरा जैसे क्षेत्रों में कॉलोनी के लोग खुद सफाई का काम संभाल रहे हैं।


सफाई में चुनौतियाँ

1- सफाईकर्मियों की कमी है। कई वार्डों में मुश्किल से 10 सफाईकर्मी भी उपलब्ध नहीं हैं, जिससे कॉलोनी की सफाई प्रभावित होती है।


2- सफाईकर्मी अक्सर छुट्टी पर रहते हैं, जिससे मुख्य सड़कों पर सफाई में देरी होती है।


स्थानीय व्यवस्था

1- कुछ कॉलोनियों में रिक्शों के माध्यम से घर-घर से कचरा उठाया जाता है, जिसे निगम के हूपर में डाला जाता है। यह व्यवस्था स्थानीय पार्षदों द्वारा संचालित की जाती है।


2- कई कॉलोनियों में सुबह और शाम सफाईकर्मी झाड़ू लगाते हैं, जिससे सड़कें अन्य क्षेत्रों की तुलना में साफ नजर आती हैं।


विकास समितियों का योगदान

1- कॉलोनियों की विकास समितियां 30 हजार रुपए तक का खर्च उठाती हैं।


2- समितियों ने तीन से पांच रिक्शे खरीदकर कचरा संग्रहण का कार्य अपने स्तर पर किया है।