जयपुर में प्राइवेट बस में आग लगने से 3 की मौत, 10 घायल

जयपुर के मनोहरपुर में एक प्राइवेट स्लीपर बस में आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हुए। यह घटना परिवहन नियमों के उल्लंघन को उजागर करती है, क्योंकि बस ने 529 किलोमीटर की यात्रा की थी, जबकि इसके परमिट और टैक्स समाप्त हो चुके थे। हादसे के बाद राजस्थान सरकार ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस घटना ने राज्य में हाल ही में हुए अन्य बस हादसों की याद दिलाई है।
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जयपुर में प्राइवेट बस में आग लगने से 3 की मौत, 10 घायल

जयपुर में प्राइवेट बस में आग का हादसा

जयपुर जिले के मनोहरपुर क्षेत्र में मंगलवार को एक प्राइवेट स्लीपर बस में हाईटेंशन बिजली के तारों से टकराने के कारण भीषण आग लग गई, जिससे तीन लोगों की जान चली गई और 10 अन्य घायल हो गए। यह घटना यह दर्शाती है कि किस प्रकार नियमों का उल्लंघन करते हुए यह बस 529 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर गई, लेकिन किसी ने इसे रोकने का प्रयास नहीं किया।


इस बस ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से यात्रा शुरू की थी, और इसका ऑल इंडिया परमिट 21 अप्रैल को समाप्त हो गया था। सड़क पर चलने वाला टैक्स भी सितंबर में खत्म हो चुका था। इस बस का चालान 40 बार ओवरलोड और तेज गति के लिए किया गया था, फिर भी यह सड़क पर चलती रही।


बस ने पीलीभीत से जयपुर तक की यात्रा की, लेकिन किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति ने इसे नहीं रोका। बस की छत पर निर्धारित ऊंचाई से 4 फीट अधिक 10 सिलेंडर और एक बाइक लदी हुई थी, लेकिन किसी ने इसकी जांच नहीं की। यह बस यूपी और राजस्थान के रास्ते में 9 आरटीओ क्षेत्रों से गुजरी।


हादसे के बाद, राजस्थान सरकार ने आरटीओ गौतम मिश्रा रामचंद्र और पुष्पेंद्र भारद्वाज को एपीओ किया है और दौसा तथा भरतपुर के आरटीओ को नोटिस जारी किया है।


परिवहन कानून के अनुसार, ओवरलोडिंग पर केवल 6 हजार रुपये का जुर्माना है, जिसे बस मालिक नजरअंदाज करते हैं। इस बस को मोडिफाई कर स्लीपर बस में बदला गया था, जिसकी लंबाई और ऊंचाई भी बढ़ाई गई थी, और इमरजेंसी गेट भी बंद कर दिया गया था।


इसके अलावा, बिजली विभाग की हाईटेंशन लाइन को 19 फीट की ऊंचाई पर होना चाहिए था, लेकिन यह केवल 15 फीट पर है।


इस घटना में 50 से अधिक मजदूर बस में सवार थे। यह राजस्थान में जैसलमेर बस हादसे के बाद एक पखवाड़े के भीतर होने वाला दूसरा ऐसा हादसा है। 14 अक्टूबर को जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक प्राइवेट स्लीपर बस में आग लगने से कई लोगों की जान गई थी, जिसका कारण 'शॉर्ट सर्किट' बताया गया था.