जयपुर ग्रामीण में खेत से बरामद हुए दो पिस्टल और 21 कारतूस

जयपुर ग्रामीण के दूदू उपखंड में एक खेत से दो अवैध पिस्टल और 21 जिंदा कारतूस बरामद होने से स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों की सतर्कता से यह खतरा समय पर टल गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल टीम और डॉग स्क्वायड को मौके पर बुलाया। जांच में यह भी सामने आया है कि ये हथियार संभवतः अंतरराष्ट्रीय स्मगलिंग नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। स्थानीय किसानों ने इस तरह की गतिविधियों को लेकर चिंता जताई है, जिससे उनकी फसलों और सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
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जयपुर ग्रामीण में खेत से बरामद हुए दो पिस्टल और 21 कारतूस

जयपुर ग्रामीण में अपराध की नई घटना

राजस्थान के जयपुर ग्रामीण जिले के दूदू उपखंड में एक बार फिर से अपराध की गतिविधियों ने स्थानीय लोगों को चिंतित कर दिया है। नरैना-श्रीरामपुरा मार्ग पर एक खेत में चारे की पुली के भीतर एक काला बैग मिलने से हड़कंप मच गया। जब बैग की जांच की गई, तो उसमें से दो अवैध पिस्टल, चार खाली मैगजीन और 21 जिंदा कारतूस बरामद हुए। यह खोज ग्रामीणों की सूचना पर की गई, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हथियारों को जब्त कर लिया। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड और वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। अज्ञात बदमाशों के खिलाफ नरैना थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब इन हथियारों के पीछे के बड़े षड्यंत्र का पता लगाने में जुटी है.


पुलिस की तत्परता से टला बड़ा खतरा

नरैना थाना प्रभारी महेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि बुधवार दोपहर लगभग 2 बजे एक ग्रामीण ने थाने को फोन कर सूचना दी कि नरैना-श्रीरामपुरा मार्ग पर एक खेत में संदिग्ध काला बैग पड़ा हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जांच के दौरान पता चला कि बैग चारे की पुली के नीचे छिपा हुआ था। जब बैग को खोला गया, तो उसमें दो पिस्टल (कैलिबर 9 एमएम), चार मैगजीन (जिनमें से दो भरी हुई थीं) और 21 जिंदा कारतूस मिले, जो अवैध थे। शेखावत ने कहा कि बैग को इस तरह छिपाया गया था कि यह सामान्य नजरों से बच गया। ग्रामीणों की सतर्कता ने इस खतरे को समय पर पहचान लिया।


एफएसएल टीम ने जुटाए महत्वपूर्ण साक्ष्य

घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्च अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया। दूदू एएसपी शिवलाल बैरवा, सांभर सीओ अनुपम मिश्रा के साथ एफएसएल टीम और डॉग स्क्वायड भी घटनास्थल पर पहुंचे। एफएसएल विशेषज्ञों ने बैग, हथियारों और आसपास के क्षेत्र से फिंगरप्रिंट्स, डीएनए सैंपल और अन्य साक्ष्य एकत्र किए। डॉग स्क्वायड के कुत्तों ने खेत के आसपास स्निफिंग की, लेकिन अभी तक कोई अतिरिक्त विस्फोटक या हथियार नहीं मिले। बैरवा ने बताया कि हथियारों की गुणवत्ता और मार्किंग से यह संकेत मिलता है कि ये अंतरराष्ट्रीय स्मगलिंग नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। मुखबिरों की मदद से आरोपियों की तलाश की जा रही है।


स्थानीय किसानों की चिंता

पिछले साल दूदू क्षेत्र में दो अलग-अलग मामलों में पांच अवैध तमंचे और कई कारतूस जब्त किए गए थे, जो स्थानीय गुंडागर्दी और लैंड माफिया से जुड़े थे। राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्य में अवैध हथियारों का कारोबार सिंडिकेट्स द्वारा संचालित होता है, जो पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान की सीमा से हथियारों की तस्करी करते हैं। नरैना थाना क्षेत्र में पहले भी लैंड डिस्प्यूट और पारिवारिक रंजिशों के कारण गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं। इस बार हथियारों की संख्या और प्रकार से यह संकेत मिलता है कि यह कोई साधारण मामला नहीं, बल्कि संगठित अपराध का हिस्सा हो सकता है। स्थानीय किसानों ने चिंता जताई है कि खेतों में ऐसी गतिविधियां फसलों और किसानों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं। फिलहाल, नरैना थाने में दर्ज एफआईआर में धारा 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत अज्ञात आरोपियों को नामजद किया गया है। जांच अधिकारी शेखावत ने आश्वासन दिया कि 48 घंटों में ब्रेकथ्रू मिलेगा.