जयपुर के स्कूल में 9 वर्षीय अमायरा की मौत: जांच में बुलिंग और लापरवाही के आरोप
अमायरा की मौत के बाद की स्थिति
9 वर्षीय अमायरा की मृत्यु को आज आठ दिन हो गए हैं, लेकिन पुलिस की जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। स्कूल प्रशासन ने भी अब तक पीड़ित परिवार से संपर्क नहीं किया है। माता-पिता का आरोप है कि उनकी बेटी को अन्य बच्चों द्वारा परेशान किया जाता था और उसने अपशब्द कहे जाने की शिकायत की थी।
मां का बयान
अमायरा की मां, शिवानी मीणा, ने बताया कि 10 अक्टूबर को उनकी बेटी ने एक बच्चे को 'हैलो' कहा, जिसके बाद उस बच्चे ने सभी को बताया कि अमायरा ने उसे 'आई लव यू' कहा। यह बात पूरी कक्षा में फैल गई, जिससे अमायरा बहुत दुखी हुई और उसने अपनी मां को इस बारे में बताया।
बातचीत का विवरण
शिवानी ने उस बच्चे की मां से रात 10:30 बजे बात की, जिसमें उन्होंने लगभग 15 मिनट चर्चा की। उस बच्चे की मां ने उसे समझाया कि उसे ऐसा नहीं कहना चाहिए। अमायरा ने भी कहा कि उसने ऐसा नहीं कहा, और अंत में बच्चे ने 'सॉरी' कहा। लेकिन बच्चे उसे लगातार बुली करते थे, जिससे वह बहुत परेशान थी।
स्कूल से असंतोष
अमायरा के माता-पिता ने बताया कि वे स्कूल से संतुष्ट नहीं थे और उसे दूसरे स्कूल में भेजना चाहते थे। उन्होंने कहा कि पेरेंट्स ग्रुप में अक्सर शिकायतें आती थीं, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया जाता था।
पुलिस की जांच
मानसरोवर थानाधिकारी लखन खटाणा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब तक अन्य बच्चों से बात नहीं की गई है। बच्चों से बात करने का निर्णय लिया गया है ताकि वे सामान्य हो सकें।
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट
शिक्षा विभाग की जांच टीम ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्री को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन मंत्री के कोटा में होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। जांच टीम ने अमायरा की कक्षा के कई छात्रों से पूछताछ की है।
महत्वपूर्ण बयान
इस दौरान दो छात्रों ने बताया कि घटना के दिन अमायरा ने कहा था कि वह स्कूल नहीं जाना चाहती थी। यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सवाल उठाता है कि एक 9 वर्षीय बच्ची स्कूल जाने से क्यों बचना चाहती थी।
अगले कदम
जांच टीम अब अमायरा के माता-पिता और अन्य परिजनों से पूछताछ करने की योजना बना रही है। अमायरा के माता-पिता ने कहा कि इस दुखद घटना के बाद स्कूल से किसी ने भी संपर्क नहीं किया, जबकि उनकी बेटी बहुत प्रतिभाशाली थी और हर साल उसे ऑलराउंडर स्टूडेंट का पुरस्कार मिलता था।
