जयपुर के बच्चों के अस्पताल में आग, कर्मचारियों की तत्परता से बची जानें

जयपुर के जे.के. लोन अस्पताल में रविवार रात आग लगने की घटना ने सभी को चौंका दिया। शॉर्ट सर्किट के कारण आईसीयू में आग लगी, लेकिन कर्मचारियों की तत्परता ने कई जानें बचा लीं। नर्सिंग सुपरवाइजर ने तुरंत बिजली बंद करवाई और फायर ब्रिगेड को सूचित किया। इस घटना में किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई। जानें इस घटना के बारे में और क्या हुआ।
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जयपुर के बच्चों के अस्पताल में आग, कर्मचारियों की तत्परता से बची जानें

जयपुर में बच्चों के अस्पताल में आग का हादसा

जयपुर। रविवार रात 3:00 बजे, जे.के. लोन अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित डेरेवाला आईसीयू में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। उस समय आईसीयू में लगभग 25 नवजात शिशु, उनके परिजन और अस्पताल का स्टाफ मिलाकर करीब 60 लोग मौजूद थे। आग लगते ही आईसीयू में धुंआ भर गया, जिससे परिजनों में घबराहट फैल गई। हालांकि, कर्मचारियों की सूझबूझ ने एक बड़े हादसे को टाल दिया।



हादसे की जानकारी मिलते ही नर्सिंग सुपरवाइजर नीलम नावरिया ने तुरंत आईसीयू की बिजली का मुख्य स्विच बंद करवा दिया, जिससे बिजली सप्लाई रुक गई और आईसीयू को तुरंत खाली करवा लिया गया। यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।


नावरिया ने एहतियात के तौर पर फायर ब्रिगेड को भी सूचित किया, जो महज 10 मिनट में अस्पताल पहुंच गई। अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर राम नारायण सेहरा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और मरीजों व उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की समस्या न होने के लिए निर्देश दिए। इस दौरान डॉ विजय नैनीवाल और अन्य नर्सिंग कर्मचारी भी मौजूद थे।


आईसीयू में वेंटिलेशन की कमी


आग लगने के कारण आईसीयू में धुंआ भर गया, जिससे परिजनों में घबराहट फैल गई। आईसीयू में न तो कोई आपातकालीन द्वार है और न ही वेंटिलेशन के लिए खिड़कियां हैं। उचित वेंटिलेशन की कमी के कारण भविष्य में किसी बड़े हादसे की संभावना बनी रहती है।


"किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई है। समय पर कर्मचारियों ने स्थिति को संभाल लिया। फिलहाल तकनीकी कर्मचारी बुलाकर व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है," डॉ राम नारायण सेहरा ने कहा।


डॉ राम नारायण सेहरा
कार्यवाहक अधीक्षक
जे. के. लोन अस्पताल, जयपुर