जयपुर के अस्पताल में आग से छह मरीजों की मौत, जांच शुरू

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से छह गंभीर मरीजों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हुए हैं। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। परिजनों ने अस्पताल कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जिससे मामले की जांच तेज हो गई है। मुख्यमंत्री ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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जयपुर के अस्पताल में आग से छह मरीजों की मौत, जांच शुरू

जयपुर के ट्रॉमा सेंटर में आग की घटना

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से छह गंभीर मरीजों की जान चली गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। परिजनों ने अस्पताल के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जिससे मामले की जांच तेज कर दी गई है।


ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने जानकारी दी कि जब आग लगी, तब न्यूरो आईसीयू में 11 मरीजों का इलाज चल रहा था। उन्होंने बताया कि आग का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।


मृतकों की पहचान और स्थिति

अधिकारियों ने मृतकों की पहचान पिंटू (सीकर), दिलीप (आंधी, जयपुर), श्रीनाथ, रुक्मिणी, खुरमा (सभी भरतपुर) और बहादुर (सांगानेर, जयपुर) के रूप में की है। डॉ. धाकड़ ने बताया कि आईसीयू में भर्ती 11 मरीजों में से छह की मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अन्य 14 मरीजों को एक अलग आईसीयू में सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया।


आग लगने का प्रभाव

आग लगने से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई, धुआं तेजी से फैल गया और मरीजों तथा उनके परिजनों में दहशत फैल गई। आग में कई दस्तावेज, आईसीयू उपकरण और अन्य सामान जलकर खाक हो गए। अस्पताल के कर्मचारियों और तीमारदारों ने मरीजों को बाहर निकालने का प्रयास किया। दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और लगभग दो घंटे में आग पर काबू पाया।


घटनास्थल पर कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

घटनास्थल पर मौजूद वार्ड बॉय विकास ने बताया कि आग के बढ़ने से पहले उन्होंने और अन्य कर्मचारियों ने कई लोगों को बचाया। उन्होंने कहा, "जब हमें आग की सूचना मिली, तब हम ऑपरेशन थिएटर में थे, इसलिए हम तुरंत अंदर गए।"


पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन धुएं के कारण वे तुरंत अंदर नहीं जा सके। दमकलकर्मियों को आग बुझाने के लिए इमारत की एक खिड़की तोड़नी पड़ी।


मुख्यमंत्री का दौरा और प्रतिक्रिया

राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और अन्य मंत्री स्थिति का जायजा लेने के लिए ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। वहां, तीमारदारों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और आरोप लगाया कि आग लगने के समय कर्मचारी भाग गए थे। मुख्यमंत्री ने घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


उन्होंने कहा, "राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।"