जयपुर की टोंक रोड का नामकरण भैरों सिंह शेखावत के नाम पर प्रस्तावित

जयपुर की टोंक रोड का नाम भैरों सिंह शेखावत के नाम पर बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया है। यह निर्णय शेखावत की स्मृति को सम्मानित करने के लिए लिया गया है, लेकिन प्रशासनिक बाधाओं के कारण इसे लागू करने में देरी हो रही है। उपमहापौर ने त्वरित कार्रवाई की मांग की है और नामकरण समारोह की योजना भी बनाई जा रही है। जानें इस प्रस्ताव के पीछे की पूरी कहानी और शेखावत के योगदान के बारे में।
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जयपुर की टोंक रोड का नामकरण भैरों सिंह शेखावत के नाम पर प्रस्तावित

जयपुर में टोंक रोड का नाम बदलने का प्रस्ताव

राजस्थान समाचार: जयपुर की एक प्रमुख सड़क, टोंक रोड, का नाम जल्द ही बदलने की योजना है। इस सड़क का नामकरण पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के नाम पर करने का प्रस्ताव जयपुर नगर निगम ग्रेटर द्वारा पारित किया गया है।


शेखावत की स्मृति को सम्मान

यह निर्णय शेखावत की याद को सम्मानित करने के लिए लिया गया है, लेकिन इसे लागू करने में कुछ प्रशासनिक चुनौतियाँ आ रही हैं। नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने इस देरी को अनुचित बताते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।


नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव पारित

देश और राज्य में प्रमुख व्यक्तियों के सम्मान में सड़कों और सार्वजनिक स्थानों का नामकरण करने की परंपरा रही है। इसी संदर्भ में, जयपुर की टोंक रोड को 'भैरों सिंह शेखावत मार्ग' के रूप में नामित करने का प्रस्ताव नगर निगम ग्रेटर की कार्यकारी समिति की तीसरी बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया।


सड़क का विस्तार और शेखावत का योगदान

यह सड़क रामबाग सर्किल से शुरू होकर नगर निगम की सीमा तक फैली हुई है। उपमहापौर ने बताया कि यह निर्णय स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के योगदान को सम्मानित करने और उनकी याद को जीवित रखने के उद्देश्य से लिया गया है। शेखावत ने न केवल राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में बल्कि देश के उपराष्ट्रपति के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।


प्रस्ताव में देरी और कानूनी मुद्दे

हालांकि, इस प्रस्ताव को लागू करने में देरी हो रही है। कर्णावट ने बताया कि राज्य सरकार के 31 अगस्त 2000 के नोटिफिकेशन का हवाला दिया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि सड़क का नामकरण करने से पहले संभागीय आयुक्त से अनुमति लेना आवश्यक है। कर्णावट ने इस तर्क को निराधार बताते हुए कहा कि यह नोटिफिकेशन केवल एक प्रशासनिक दिशा-निर्देश है।


नगर निगम के अधिकार

उन्होंने स्पष्ट किया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 240 के तहत नगर निगम को अपने क्षेत्र में सड़कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों का नामकरण करने का अधिकार है। इस अधिनियम के अनुसार, कोई भी अधीनस्थ नोटिफिकेशन नगर निगम की स्वायत्तता को सीमित नहीं कर सकता।


जयंती पर नामकरण समारोह की योजना

कर्णावट ने कहा कि संभागीय आयुक्त से अनुमति लेना विधिक रूप से आवश्यक नहीं है और इस तरह की शर्तें लगाना नगर निगम के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने इस देरी को निगम की स्वायत्तता पर हमला करार देते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उपमहापौर ने प्रस्ताव को लागू करने के लिए रामबाग सर्किल से नगर निगम सीमा तक टोंक रोड को 'भैरों सिंह शेखावत मार्ग' के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने शेखावत की जयंती, 23 अक्टूबर 2025 को नामकरण समारोह आयोजित करने की तैयारियां शुरू करने के लिए भी कहा है।


शेखावत का योगदान और नागरिकों का गर्व

यह प्रस्ताव न केवल शेखावत के योगदान को सम्मानित करने का प्रयास है, बल्कि यह जयपुर के नागरिकों के लिए गर्व का विषय भी है। भैरों सिंह शेखावत ने राजस्थान की राजनीति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गईं, जिन्होंने राज्य के विकास को नई दिशा दी। उनकी स्मृति में इस सड़क का नामकरण न केवल उनके प्रति सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को उनके योगदान से प्रेरणा लेने का अवसर भी प्रदान करेगा।