जयपुर की उत्तरी रिंग रोड को मिली मंजूरी, विकास की नई राहें खुलेंगी
जयपुर में रिंग रोड का विकास
जयपुर। राजधानी जयपुर के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने अंततः जयपुर की उत्तरी रिंग रोड को स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही, रिंग रोड की अधिसूचना भी जारी की गई है। इसके बाद, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसके अलाइनमेंट पर कार्य आरंभ कर दिया है। यह रिंग रोड लगभग 99.35 किलोमीटर लंबी होगी।
रिंग रोड निर्माण की पृष्ठभूमि
जयपुर के चारों ओर रिंग रोड बनाने की योजना का आरंभ वर्ष 2000 में हुआ था। इस दौरान, 147 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाने का निर्णय लिया गया। पहले चरण में, जयपुर के दक्षिणी हिस्से में रिंग रोड का निर्माण शुरू हुआ, जो अजमेर रोड और टोंक रोड को आगरा रोड से जोड़ता है। यह 47 किलोमीटर लंबी रिंग रोड 2019 से विभिन्न चरणों में ट्रैफिक के लिए खोली गई थी। यह रिंग रोड छह लेन की है, और उत्तरी रिंग रोड भी इसी प्रकार की होगी, जिसमें वाहनों की अधिकतम गति 120 किमी प्रति घंटा होगी।
रिंग रोड का मार्ग
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उत्तरी रिंग रोड जयपुर की 10 तहसीलों से होकर गुजरेगी। यह रिंग रोड जयपुर जिले की चौमूं, मौजमाबाद, सांगानेर, आमेर, जमवारामगढ़, बस्सी, कालवाड़, जालसू, जोबनेर, और रामपुरा डाबड़ी तहसील के लगभग 140 गांवों से होकर गुजरेगी। इनमें से सबसे अधिक गांव आमेर तहसील में होंगे।
काम की शुरुआत
NHAI ने रिंग रोड के तीन अलग-अलग अलाइनमेंट तैयार कर दिल्ली भेज दिए हैं। अगले दो से तीन सप्ताह में इनमें से एक अलाइनमेंट को मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य आरंभ होगा।
प्रक्रिया में देरी का कारण
सूत्रों के अनुसार, 2016-17 में जयपुर की उत्तरी रिंग रोड पर कार्य आरंभ हुआ था। 2021 में 45 किलोमीटर की रिंग रोड का भी फाइनल किया गया था। यह रिंग रोड आगरा रोड से शुरू होकर, दिल्ली रोड होते हुए चौंप तक बननी थी, लेकिन अंतिम समय में इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद, केंद्र सरकार ने इसे भारत माला परियोजना के दूसरे चरण में शामिल किया और अब इसे बनाने की अनुमति दे दी है।
गांवों की संख्या
- चौमूं- 4
- मौजमाबाद- 9
- सांगानेर- 9
- आमेर- 26
- जमवारामगढ़- 25
- बस्सी- 6
- कालवाड़- 14
- जालसू- 21
- जोबनेर- 14
- रामपुरा डाबड़ी- 12
रिंग रोड के लाभ
- उत्तरी रिंग रोड के दक्षिणी रिंग रोड से जुड़ने के बाद कुल 147 किलोमीटर की रिंग रोड बन जाएगी, जिससे अन्य शहरों के लिए सीधा मार्ग उपलब्ध होगा।
- कुछ सड़कों पर क्लोवर लीफ बनाकर रिंग रोड को अन्य सड़कों से जोड़ा जाएगा, जिससे वाहनों का आवागमन सुगम होगा।
- रिंग रोड के निर्माण से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी और आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- जिन गांवों से रिंग रोड गुजरेगी, वहां भूमि की कीमतों में वृद्धि होगी।
- रिंग रोड के निर्माण से जयपुर शहर का विस्तार भी होगा, जिसके लिए जेडीए की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
देश की सबसे लंबी रिंग रोड
वर्तमान में, देश में सबसे लंबी रिंग रोड हैदराबाद की है, जिसकी कुल लंबाई 158 किलोमीटर है। जयपुर की उत्तरी रिंग रोड के निर्माण के बाद, जयपुर रिंग रोड की कुल लंबाई 147 किलोमीटर हो जाएगी। इसके अलावा, हैदराबाद में एक रीजनल रिंग रोड और बेंगलूरू में सैटेलाइट रिंग रोड की योजना पर भी केंद्र सरकार कार्य कर रही है।
