जयपुर अग्निकांड: प्रत्यक्षदर्शियों की दिल दहला देने वाली गवाही

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में एक भयानक आग लगने से 7 लोगों की जान चली गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने इस घटना की भयावहता को साझा किया है, जिसमें पिंटू गुर्जर के भाई ने अपने भाई की लाश को खुद बाहर निकाला। अस्पताल में सुरक्षा के अभाव और आग लगने के कारणों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जानें इस त्रासदी के बारे में और क्या हुआ उस रात।
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जयपुर अग्निकांड: प्रत्यक्षदर्शियों की दिल दहला देने वाली गवाही

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आग से हुई त्रासदी

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में एक भयानक आग लगने से 7 लोगों की जान चली गई। यह आग इतनी भयंकर थी कि आईसीयू के उपकरण और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जलकर राख हो गए। इस घटना में पिंटू गुर्जर भी शामिल थे, जिनके भाई और मौसेरे भाई ने इस त्रासदी के बारे में अपनी आपबीती साझा की।


रविवार रात को, ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू में अचानक आग लग गई, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। पिंटू गुर्जर के भाई ने कहा कि उन्होंने अपने भाई की लाश को खुद बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई, और अगर ऐसा होता, तो वह अपने भाई को बचा लेते।


अस्पताल में धुएं की इतनी अधिकता थी कि कोई भी व्यक्ति एक सेकंड के लिए भी अंदर नहीं रुक सकता था। उन्होंने कहा कि यह घटना आज उनके साथ हुई है, लेकिन कल किसी और के साथ भी हो सकती है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा रात में आए थे, लेकिन उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की। पुलिस ने मृतकों के परिजनों को अंदर जाने से रोका। वे चाहते हैं कि इस मामले की जांच हो और उचित कार्रवाई की जाए, क्योंकि अस्पताल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।


पिंटू गुर्जर के मौसेरे भाई ओम प्रकाश गुर्जर की गवाही


ओम प्रकाश ने बताया कि उनके भाई की उम्र 24-25 वर्ष थी और वह एक एक्सीडेंट में घायल हुए थे। डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें जल्द ही छुट्टी मिल जाएगी। लेकिन रविवार रात को आग लगने से उनके भाई की जान चली गई।


उन्होंने कहा कि वे अस्पताल के रूम नंबर-7 में थे, जब अचानक एक चिंगारी उठी। उन्होंने डॉक्टरों और स्टाफ से इसकी शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टरों ने खिड़की खोलकर एग्जॉस्ट चालू किया। लेकिन कुछ ही समय बाद फिर से चिंगारी उठी और आग ने विकराल रूप ले लिया। उन्होंने दो लोगों को बाहर निकाला, लेकिन अपने भाई को नहीं बचा सके।


ट्रॉमा सेंटर प्रभारी का बयान


ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि जब आग लगी, तब न्यूरो आईसीयू में 11 मरीजों का इलाज चल रहा था। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस घटना में 7 लोगों की मौत हुई है।


आग में जल गए कई महत्वपूर्ण दस्तावेज


इस आग में कई दस्तावेज, आईसीयू उपकरण, रक्त के नमूनों की नलिकाएं और अन्य सामान जलकर राख हो गए। अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों के परिचारकों ने मरीजों को बाहर निकाला। सूचना मिलते ही दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और लगभग दो घंटे में आग पर काबू पाया।