जम्मू में जाली दस्तावेजों से सरकारी नौकरी हासिल करने के आरोप में तीन लोग गिरफ्तार

जाली दस्तावेजों का मामला
जम्मू में पुलिस ने जाली दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी नौकरी प्राप्त करने के आरोप में एक उपनिरीक्षक, एक शिक्षक और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह जानकारी शनिवार को अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों में उपनिरीक्षक मोहिंदर पाल, शिक्षक गोविंद कुमार और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शकीला बानो शामिल हैं। ये सभी जम्मू क्षेत्र के विभिन्न स्थानों के निवासी हैं।
जम्मू अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बेनाम तोष ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा में तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।
पाल, जो वर्तमान में भारतीय रिजर्व पुलिस की चौथी बटालियन में तैनात हैं, राजौरी के नौशेरा तहसील के 'अपर नोनियाल' का निवासी है। उस पर 1995 में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों का उपयोग कर जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस विभाग में नौकरी पाने का आरोप है।
अधिकारियों ने बताया कि विभागीय जांच और प्रारंभिक सत्यापन रिपोर्ट में संज्ञानीय अपराध का खुलासा हुआ है। शिकायत के आधार पर आरएस पुरा के खम्ब गांव निवासी कुमार के खिलाफ 2004 में जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग में रहबर-ए-तालीम (आरईटी) शिक्षक के रूप में नौकरी पाने के लिए फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र का उपयोग करने का मामला दर्ज किया गया है।
एक अन्य शिकायत के अनुसार, रामबन जिले के खारी गांव के शिक्षक गुलाम हसन नाइक पर आरोप है कि उन्होंने अपनी निरक्षर बेटी शकीला बानो का आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में चयन कराने के लिए स्कूल के रिकॉर्ड में हेराफेरी की।
शिकायत में कहा गया है कि नाइक का जन्म 6 दिसंबर, 1966 को हुआ था, जबकि उनकी बेटी की जन्मतिथि 1 जनवरी, 1976 है। इस प्रकार पिता और बेटी की उम्र में केवल नौ वर्ष और 26 दिन का अंतर है।
अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बानो निरक्षर है और नौकरी पाने के लिए उसके पिता ने स्कूल के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की। इसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है।