जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों का हाई अलर्ट, घुसपैठ की कोशिशें नाकाम

जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा एजेंसियां उच्च सतर्कता पर हैं। बारामूला में घुसपैठ की कोशिश को विफल किया गया, जिसमें एक जवान शहीद हुआ। सांबा जिले में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू किया गया है। कुलगाम में चल रहे आतंकवाद रोधी अभियान के अंतिम चरण में दो आतंकवादी मारे गए हैं। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और सुरक्षा बलों की तैयारियों के बारे में।
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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों का हाई अलर्ट, घुसपैठ की कोशिशें नाकाम

सुरक्षा स्थिति और घुसपैठ की कोशिशें

स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित घुसपैठ की कोशिशों के चलते सुरक्षा एजेंसियां उच्च सतर्कता पर हैं। बुधवार को बारामूला जिले के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सेना ने एक घुसपैठ की कोशिश को विफल कर दिया, लेकिन इस मुठभेड़ में एक बहादुर जवान शहीद हो गया। चुरुंडा क्षेत्र में यह अभियान अभी भी जारी है।


रात्रि कर्फ्यू का आदेश

जम्मू के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो किलोमीटर के दायरे में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू किया गया है। यह कदम बीएसएफ के अभियानों में सहायता और पाकिस्तान से घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए उठाया गया है। आदेश के अनुसार, बिना वैध कारण के आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह क्षेत्र आतंकवादियों द्वारा जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न पक्षों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया।


कुलगाम में आतंकवाद रोधी अभियान

कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में पिछले 13 दिनों से चल रहा आतंकवाद रोधी अभियान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस कार्रवाई में अब तक दो जवान शहीद हो चुके हैं और नौ घायल हुए हैं, जबकि दो आतंकवादी मारे गए हैं। यह कश्मीर घाटी में हाल के वर्षों का सबसे लंबा आतंकवाद रोधी अभियान है। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) वी.के. बिरदी ने कहा, ‘‘अखल अभियान अपने अंतिम चरण में है।’’ उन्होंने कहा कि अभियान की जानकारी समय आने पर साझा की जाएगी।


सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी

पुलिस और सुरक्षा बल स्वतंत्रता दिवस से पहले घाटी में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू कर रहे हैं। श्रीनगर में ऊंची इमारतों से लेकर सड़कों तक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। घुसपैठ, आतंकवादी ठिकानों की घेराबंदी और सीमाई क्षेत्रों में कर्फ्यू, ये सब इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना करने के लिए चौबीसों घंटे तैयार हैं।