जम्मू-कश्मीर में संदिग्ध ड्रोन की गतिविधि से सुरक्षा बलों में हलचल

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने संदिग्ध ड्रोन की गतिविधि के चलते चौकसी बढ़ा दी है। सांबा जिले में एक पाकिस्तानी ड्रोन की पहचान के बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया। साथ ही, हज़रतबल मस्जिद में राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है, जिससे स्थानीय नेताओं और नमाज़ियों में नाराज़गी फैल गई। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया।
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जम्मू-कश्मीर में संदिग्ध ड्रोन की गतिविधि से सुरक्षा बलों में हलचल

सुरक्षा बलों की चौकसी

जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों ने हर जगह निगरानी रखी हुई है। आतंकियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सेना पूरी तरह से तैयार है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के सांबा क्षेत्र में एक संदिग्ध ड्रोन उड़ता हुआ देखा गया।


सांबा जिले में महत्वपूर्ण स्थलों के ऊपर एक पाकिस्तानी ड्रोन की गतिविधि के बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया। अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी।


ड्रोन की पहचान और प्रतिक्रिया

अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार रात लगभग 9:35 बजे बारी ब्राह्मणा क्षेत्र में एक सैन्य छावनी के ऊपर 700 मीटर की ऊंचाई पर ड्रोन देखा गया। तुरंत अलर्ट जारी किया गया और सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीम सक्रिय हो गई।


पुलिस को भी सूचित किया गया और यह सुनिश्चित करने के लिए एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया कि ड्रोन से कोई हथियार या मादक पदार्थ गिराए जाने की संभावना न हो।


हज़रतबल मस्जिद में विवाद

इससे पहले, श्रीनगर की प्रसिद्ध हज़रतबल मस्जिद में नवीनीकरण पट्टिका पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाए जाने से विवाद उत्पन्न हुआ। इस पर स्थानीय नेताओं और नमाज़ियों में नाराज़गी फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप अज्ञात व्यक्तियों ने उस पट्टिका को तोड़ दिया।


जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने इस घटना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। यह घटना उस मस्जिद के हाल में जीर्णोद्धार के बाद हुई, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के पवित्र चिह्न रखे गए हैं।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

मस्जिद में लगे पत्थर की उद्घाटन पट्टिका पर राष्ट्रीय प्रतीक अंकित था, जिसे मुस्लिम समुदाय ने आलोचना का विषय बनाया। सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित राजनीतिक नेताओं और नमाजियों ने कहा कि इबादतगाह में मूर्ति प्रदर्शित करना इस्लाम के एकेश्वरवाद के सिद्धांत का उल्लंघन है।


जुमे की सामूहिक नमाज के बाद अज्ञात लोगों ने पत्थर की पट्टिका को तोड़ दिया और राष्ट्रीय प्रतीक हटा दिया। इस पर अंद्राबी ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की और तोड़फोड़ करने वालों को आतंकवादी और गुंडा करार दिया।