जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या बढ़ती जा रही है। हाल ही में, पुलिस ने उधमपुर जिले में चार तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके पास से हेरोइन तथा चूरा पोस्त बरामद किया। इस साल की शुरुआत से, पुलिस ने मादक पदार्थों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं और तस्करी में शामिल संपत्तियों को जब्त किया है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
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जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी का मामला

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे के साथ-साथ नशे की तस्करी भी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। हाल ही में, उधमपुर जिले से मादक पदार्थों की तस्करी की एक बड़ी घटना सामने आई है। सोमवार को, पुलिस ने हेरोइन और अन्य मादक पदार्थों के साथ चार संदिग्ध तस्करों को गिरफ्तार किया।


पुलिस के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि जीवन कुमार और सुनील कुमार, जो जगानू गांव के निवासी हैं, को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर टिकरी में गिरफ्तार किया गया। उनके पास से लगभग छह लाख रुपये मूल्य की 9.40 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। दोनों मोटरसाइकिल पर यात्रा कर रहे थे जब पुलिस ने उन्हें रोका और उनकी तलाशी ली।


इसके अलावा, संजय कुमार और रोहित कुमार, जो काह-फलाटा गांव के निवासी हैं, को रहमबल क्षेत्र में फ्लाटा जांच चौकी पर गिरफ्तार किया गया। उनके वाहन से लगभग एक लाख रुपये मूल्य का 9.60 किलोग्राम चूरा पोस्त बरामद हुआ। सभी चार तस्करों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।


पुलिस की कार्रवाई और मादक पदार्थों की बरामदगी

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से अब तक जिले में मादक पदार्थों के खिलाफ 61 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 87 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल 22 वाहनों को जब्त किया गया है, और छह फार्मेसी दुकानों को भी बंद किया गया है।


इसके अलावा, मादक पदार्थ तस्करों से जुड़े 43 बैंक खातों पर रोक लगाई गई है, जिसमें 16,72,948 रुपये की राशि शामिल है। इस अवधि में जब्त किए गए मादक पदार्थों की काले बाजार में कीमत 2.42 करोड़ रुपये आंकी गई है। पुलिस ने मादक पदार्थ और गोवंश तस्करी से संबंधित कई संपत्तियों को भी जब्त किया है, जिनकी कुल कीमत 4.69 करोड़ रुपये है।


पुलिस ने बताया कि 21 मामलों में 28 तस्करों को अदालतों में दोषी ठहराया गया है, जो जांच और अभियोजन के प्रति उनकी पेशेवर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।