जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीमों के दौरे की सराहना की। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी उधमपुर में पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की और प्रभावित परिवारों से बातचीत की। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान

मुख्यमंत्री का बयान

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा के बाद, यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करें, तो यह अत्यंत लाभकारी होगा। उन्होंने बताया कि अमित शाह पहले ही जम्मू-कश्मीर का दौरा कर चुके हैं और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन किया है।


सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्रीय टीमें भारी बारिश और भूस्खलन के प्रभावों का आकलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रही हैं, जिससे राहत की भावना है। अमित शाह 1 से 2 सितंबर तक जम्मू में थे, जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। केंद्र ने एसडीआरएफ के लिए 209 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी जारी की है।


उपराज्यपाल का दौरा

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उधमपुर के थरद गाँव का दौरा किया और राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। हाल की भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले आठ दिनों से बंद है। उपराज्यपाल को जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय राजमार्ग की शीघ्र बहाली के लिए कर्मियों और मशीनरी की तैनाती की जा रही है।


उपराज्यपाल ने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने उधमपुर के जाखनी स्थित गुज्जर बकरवाल छात्रावास में स्वास्थ्य शिविर का भी दौरा किया, जहां बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं।