जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की चुनौतियाँ: सुरक्षा तंत्र की सजगता
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद ने प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए नई चुनौतियाँ पेश की हैं। उधमपुर जिले में आतंकवादियों की गतिविधियों ने सुरक्षा तंत्र की सजगता को परखा है। हाल की घटनाओं में आतंकवादियों द्वारा ग्रामीणों के घरों में घुसकर भोजन मांगने और संदिग्ध उपकरणों की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। क्या आतंकवादियों के मददगार अब भी सिस्टम की आंखों में धूल झोंकने में सफल हो रहे हैं? जानें इस लेख में।
| Dec 22, 2025, 20:11 IST
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का बढ़ता खतरा
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद ने प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए एक बार फिर गंभीर चुनौती पेश की है। उधमपुर जिले के मजालता क्षेत्र में आतंकवादियों की गतिविधियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पार से संचालित आतंकी नेटवर्क अब भी सक्रिय है और स्थानीय समुदायों को अस्थिर करने की कोशिशें जारी हैं। शनिवार की शाम, उधमपुर के चोरे मोटू गांव में आतंकवादियों ने एक ग्रामीण के घर में घुसकर भोजन की मांग की और फिर पास के घने जंगलों में भाग गए। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था की परीक्षा लेने और इलाके में भय का माहौल उत्पन्न करने की सुनियोजित योजना मानी जा रही है। सूचना मिलते ही पुलिस और अर्धसैनिक बल सक्रिय हो गए और पूरे वन क्षेत्र को घेर लिया। रविवार सुबह से कई दिशाओं में सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसमें हर पगडंडी और जंगल चौकी की जांच की जा रही है。
पिछली घटनाओं का संदर्भ
यह वही मजालता क्षेत्र है जहां 15 दिसंबर को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक विशेष अभियान समूह का अधिकारी शहीद हुआ था। उस घटना के बाद से यह माना जा रहा था कि आतंकवादी इस क्षेत्र में छिपे हुए हैं और किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। इससे पहले, 28 अक्टूबर को बसंतगढ़ के ऊपरी इलाकों में भी संदिग्ध आतंकवादी एक ग्रामीण के घर पहुंचे थे और भोजन की मांग की थी। इस प्रकार की लगातार घटनाएं यह संकेत देती हैं कि आतंकवादी स्थानीय समर्थन और रसद जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएँ
जम्मू क्षेत्र में एक और घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। सिधरा इलाके से एक चीन निर्मित टेलीस्कोप बरामद किया गया है, जिसे हथियारों पर लगाया जा सकता है। यह दूरबीन एक छह वर्षीय बच्चे के पास से मिली, जिससे यह सवाल उठता है कि यह उपकरण वहां कैसे पहुंचा और इसके पीछे कौन सा नेटवर्क काम कर रहा है। आधुनिक उपकरणों की मौजूदगी आतंकियों की मंशा को और भी खतरनाक बनाती है।
संदिग्ध गतिविधियों पर नजर
सांबा जिले के दियानी गांव से एक युवक को हिरासत में लिया गया है, जिसके मोबाइल में पाकिस्तानी नंबर पाए गए हैं। पूछताछ में कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है। सुरक्षा एजेंसियां इस कड़ी को उधमपुर की घटनाओं से जोड़कर देख रही हैं।
आतंकवाद के खिलाफ सजगता
जम्मू-कश्मीर में एक ओर जंगलों में आतंकियों की खोज तेज है, वहीं दूसरी ओर शहरों और गांवों में संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। संदेश स्पष्ट है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। लेकिन लगातार सामने आ रही घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या आतंकियों के मददगार अब भी सिस्टम की आंखों में धूल झोंकने में सफल हो रहे हैं।
