जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साइबर आतंकवाद की साजिश का पर्दाफाश किया

साइबर आतंकवाद का खुलासा
जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग (CIK) ने एक महत्वपूर्ण साइबर आतंकवाद की साजिश का सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया है, जिसमें कई मॉड्यूल डिजिटल कट्टरपंथ और आतंकवाद की भर्ती में संलग्न थे। गुप्त ऑपरेशनों की एक श्रृंखला में, CIK ने पाकिस्तान से संचालित पांच आपस में जुड़े मॉड्यूल का पता लगाया, जो जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे, जो अपनी गतिविधियों को बनाए रखने के लिए एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहे थे।
आतंकवादी हैंडलर्स की गतिविधियाँ
आतंकवादी हैंडलर्स, जिनमें एक पाकिस्तानी रणनीतिकार अब्दुल्ला गाज़ी शामिल हैं, जो शौकत अली और बाबर जैसे उपनामों से जाने जाते हैं, ने सिग्नल, टेलीग्राम, व्हाट्सएप, वायर और सेशन जैसे सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग करके समन्वय किया है। ये प्लेटफार्म, जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित हैं, सुरक्षा एजेंसियों के लिए इंटरसेप्शन में बड़ी चुनौतियाँ पेश करते हैं। गाज़ी, जो रावलपिंडी में स्थित है, ने एक पूरी तरह से सक्रिय डिजिटल भर्ती सेल का प्रबंधन किया, जो कमजोर कश्मीरी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, हथियारों की खरीद और संचालन की योजना बनाने के लिए लक्षित करता था।
सफल ऑपरेशन
हाल ही में, CIK ने भारतीय खुफिया एजेंसियों के सहयोग से गाज़ी के साइबर मॉड्यूल पर कार्रवाई की, जिसमें श्रीनगर, बडगाम, पुलवामा और गंदरबल जिलों में दस स्थानों पर छापे मारे गए। उन्नत डिजिटल निगरानी तकनीकों का उपयोग करते हुए, जैसे कि डीप पैकेट इंस्पेक्शन, प्रोटोकॉल बायपास और जियो-ट्रैकिंग, इस ऑपरेशन का उद्देश्य इस जटिल साइबर कट्टरपंथ नेटवर्क को नष्ट करना था। यह CIK द्वारा आतंक से जुड़े साइबर गतिविधियों के खिलाफ लक्षित कार्रवाइयों की श्रृंखला में पांचवां प्रमुख आतंकवादी मॉड्यूल है।
अन्य मॉड्यूल का पर्दाफाश
पिछले ऑपरेशनों ने अन्य मॉड्यूल का भी खुलासा किया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का फंडिंग ऑपरेशन शामिल था, जिसे हैंडलर्स जैसे सुमामा उर्फ बाबर उर्फ इल्यास द्वारा चलाया गया, जो युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसे की तस्करी करने के लिए भर्ती करते थे। इसके अलावा, हिज्बुल मुजाहिदीन का एक जबरन वसूली मॉड्यूल भी उजागर हुआ, जिसका संचालन जामबाज़ गाज़ी उर्फ गाज़ी बाबा द्वारा किया गया।
सुरक्षा एजेंसियों की निरंतर कोशिशें
इसके अतिरिक्त, लश्कर के तहरीक लब्बैक या मुस्लिम (TLM) का एक भर्ती यूनिट भी उजागर हुआ, जिसमें हैंडलर '@Baba Hamas' कश्मीरियों को आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा था। ये ऑपरेशन सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आतंक के डिजिटल आयामों का मुकाबला करने के लिए चलाए जा रहे प्रयासों को उजागर करते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को खतरे में डालते हैं।