जम्मू-कश्मीर पुलिस ने PDP के नेताओं को रोका, प्रदर्शन विफल

आज जम्मू और कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन को विफल कर दिया। इस कार्रवाई में कई प्रमुख पार्टी नेताओं को हिरासत में लिया गया। प्रदर्शन का उद्देश्य क्षेत्र में बढ़ती बिजली दरों और जल संकट जैसे मुद्दों को उजागर करना था। PDP के नेता गुलाम नबी हंजूरा ने सरकार की निंदा की और इसे तानाशाही का उदाहरण बताया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने PDP के नेताओं को रोका, प्रदर्शन विफल

PDP का प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई

आज जम्मू और कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) द्वारा आयोजित एक विरोध मार्च को विफल कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई प्रमुख पार्टी नेताओं को हिरासत में लिया गया। यह प्रदर्शन PDP के मुख्यालय से शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में बढ़ती बिजली दरों, पेयजल और सिंचाई जल की गंभीर कमी, और कश्मीरी कैदियों को स्थानीय जेलों में स्थानांतरित करने की मांग को उजागर करना था।



प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हस्तक्षेप किया और पार्टी के कई प्रमुख सदस्यों को हिरासत में लिया, जिनमें महासचिव अब्दुल हक खान, मोहम्मद खुरशीद आलम, पूर्व मंत्री गुलाम नबी लोन हंजूरा, और अन्य वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता शामिल थे। हिरासत में लिए गए लोगों में प्रवक्ता एम इकबाल त्रंबू, पूर्व विधायक शेख नूर मोहम्मद और गुलजार अहमद वानी, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के जिला अध्यक्ष भी शामिल थे।


PDP नेता गुलाम नबी हंजूरा ने अपनी निराशा और आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार की निंदा की, जो इस प्रदर्शन को रोकने के लिए जिम्मेदार थी। उन्होंने कहा, "क्या यह तानाशाही नहीं है कि सरकार ने इस प्रदर्शन को अनुमति नहीं दी?"