जम्मू-कश्मीर के डीजीपी की ऐतिहासिक यात्रा: आतंकवाद विरोधी अभियानों को मजबूती

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने लोलेब घाटी का दौरा किया, जो आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र है। इस यात्रा का उद्देश्य स्थानीय पुलिस बलों का मनोबल बढ़ाना और आतंकवाद विरोधी अभियानों को मजबूत करना था। स्थानीय लोगों ने इस कदम का स्वागत किया, इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा कश्मीर की सुरक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी, जो स्थानीय लोगों के साथ संबंध बनाने पर जोर देती है।
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जम्मू-कश्मीर के डीजीपी की ऐतिहासिक यात्रा: आतंकवाद विरोधी अभियानों को मजबूती

डीजीपी की यात्रा का महत्व

जम्मू और कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने रविवार को लोलेब घाटी का दौरा कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया, जो नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट स्थित है और लंबे समय से आतंकवाद और अशांति का शिकार रहा है। इस यात्रा के दौरान, डीजीपी प्रभात ने चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन मूल्यांकन किया, जिसमें ग्राउंड फोर्सेस की तैयारियों का आकलन किया गया। उन्होंने लोलेब में विशेष संचालन समूह (एसओजी) कैंप में जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओजी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों से बातचीत की, उनकी कठिन परिस्थितियों में काम करने की क्षमता की सराहना की।


स्थानीय लोगों का समर्थन

डीजीपी प्रभात की यात्रा का स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया, इसे एक सकारात्मक और ऐतिहासिक कदम बताया। कई लोगों ने शीर्ष स्तर के अधिकारियों द्वारा उनकी सराहना किए जाने के लिए आभार व्यक्त किया, यह बताते हुए कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दौरा किया, न कि केवल दूर से रिपोर्टों पर निर्भर रहे। यह सीधा जुड़ाव सुरक्षा बलों और आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र के निवासियों के बीच विश्वास बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


सुरक्षा रणनीति में बदलाव

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस प्रमुख की यह यात्रा कश्मीर की सुरक्षा रणनीति को नया आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जो अब स्थानीय लोगों के साथ वास्तविक संबंध बनाने पर जोर देती है। यह दृष्टिकोण एक ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करता है जहां लोग अपनी सुरक्षा में शामिल और सुरक्षित महसूस करें।


सुरक्षा उपायों का विस्तार

सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयासों के तहत, जम्मू क्षेत्र के विभिन्न जिलों में आतंकवाद विरोधी अभियानों की एक श्रृंखला चल रही है, जिसमें राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर शामिल हैं। ये अभियान ग्राउंड-लेवल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए बलों की तैनाती को प्रभावी ढंग से निर्देशित करते हैं।


रात के समय की निगरानी

उच्च संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं, और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हुए रात की निगरानी को बढ़ाया गया है। आतंकवादियों द्वारा पारंपरिक घुसपैठ मार्गों को अवरुद्ध करने के लिए उपाय किए गए हैं, जबकि रणनीतियों को रात के अभियानों को प्राथमिकता देने के लिए संशोधित किया गया है, जिससे आतंकवादियों को पुनर्गroup करने या पहाड़ी क्षेत्रों में नेविगेट करने का अवसर नहीं मिलता।