जबलपुर में लव जिहाद और धर्मांतरण के मामलों में बढ़ती चिंताएं
सोशल मीडिया की भूमिका पर चिंता

हाल के दिनों में जबलपुर में लव जिहाद और धर्मांतरण के मामलों ने समाज में चिंता का माहौल बना दिया है। हिंदूवादी संगठनों की सक्रियता के चलते ये मुद्दे सड़कों पर भी उठाए जा रहे हैं, जिससे पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर असुरक्षा की भावना बढ़ी है।
जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती
पुलिस और प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण इन घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। हर दिन लव जिहाद या धर्मांतरण से संबंधित नई शिकायतें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में अविश्वास का माहौल बन गया है।
केस नंबर 1: दोस्ती के बहाने शोषण
गोहलपुर में एक युवक ने अपना नाम बदलकर ‘अरविंद’ बताया और एक विवाहित महिला से दोस्ती की। शादी का झांसा देकर उसने पांच वर्षों तक उसका शारीरिक शोषण किया। जब महिला ने विवाह का दबाव बनाया, तो युवक ने इनकार कर दिया और उसे धमकी दी। अंततः महिला ने हिंदू धर्म सेना की मदद से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
केस नंबर 2: पहचान छिपाकर विवाह
गोरखपुर में नसीर अहमद ने ‘अरमान सिंह’ बनकर एक युवती से संबंध बनाए। विवाह के समय युवक का असली नाम सामने आया, जिसके बाद युवती ने प्रताड़ना और जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया। मामला गोरखपुर थाने में दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।
केस नंबर 3: बेटे का धर्म परिवर्तन
बिलहरी निवासी राजेश मीणा ने बताया कि उन्होंने एक ईसाई युवती से शादी की थी। तलाक के दौरान उन्हें पता चला कि पत्नी ने बिना अनुमति के बेटे का धर्म परिवर्तन कर दिया है। इसके बाद उन्होंने हिंदूवादी संगठनों की मदद से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
सोशल मीडिया की जिम्मेदारी
विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया इन मामलों के बढ़ने का मुख्य कारण है। आभासी दुनिया में पहचान छिपाकर युवतियों को फंसाना आसान हो गया है। ऐसे मामलों में पीड़िताएं अक्सर चुप रहने को मजबूर हो जाती हैं। मध्यप्रदेश में 2021 में लागू लव जिहाद और धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अब तक 283 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत मामले अदालतों में लंबित हैं।
प्रशासन और संगठनों की प्रतिक्रिया
“पुलिस लव जिहाद और धर्मांतरण के मामलों में तेजी से कार्रवाई कर रही है। हम दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।” - अर्पित सिंह ठाकुर, संयोजक, हिंदू धर्म सेना
“विशेष समुदाय के लोग जानबूझकर हिंदू लड़कियों को निशाना बना रहे हैं। हर पीड़िता को पुलिस सहायता दी जाती है, लेकिन मामलों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है।”
संवाद और जागरूकता की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या केवल धार्मिक या कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक और मानसिक स्तर पर भी है। युवाओं में संवाद की कमी और जागरूकता का अभाव इन घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है। समाज को शिक्षा और सतर्कता के माध्यम से इस चुनौती का सामना करना होगा।
