जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: राजनीति में हलचल और नए संभावित नाम

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एक नेता, जो बनारस के एक मंदिर में पूजा कर रहा था, एक फोन कॉल और चार्टर प्लेन का इंतजार कर रहा था, ताकि वह देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बन सके। यह नेता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष था और उसे विश्वास था कि उसकी दावेदारी पर औपचारिक मुहर लगना केवल एक औपचारिकता है। लेकिन तमाम अटकलों और चर्चाओं के बीच, योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली। गाजीपुर से लोकसभा चुनाव हारने के बाद, मनोज सिन्हा का मुख्यमंत्री बनने का सपना अधूरा रह गया। बाद में, मोदी सरकार ने उन्हें जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया। हाल ही में, मनोज सिन्हा के दिल्ली आने की चर्चा तेज हो गई है।
जगदीप धनखड़ ने अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। कल शाम तक, वह मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा का संचालन कर रहे थे और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक भी ली थी। उन्होंने अपने पत्र में स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया। इस बीच, सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के बीच लगातार बैठकें चल रही थीं। प्रधानमंत्री ने भी मंत्रियों के साथ बैठक की।
हालांकि, अगर उनकी स्वास्थ्य स्थिति इतनी गंभीर थी, तो वह मानसून सत्र में इतनी सक्रियता क्यों दिखा रहे थे? उनका इस्तीफा कई लोगों के लिए अचानक और अप्रत्याशित था। धनखड़ का कार्यकाल अभी दो साल से अधिक बचा था। उनके इस्तीफे के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। अगर स्वास्थ्य ही एकमात्र कारण था, तो वह एम्स से इलाज कराकर लौटने के बाद इस्तीफा दे सकते थे।
सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा में प्रस्ताव और बहस की इच्छा जताई थी। अब यह देखना होगा कि उपराष्ट्रपति का आसन जल्द ही भरा जाएगा। मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा, जेडीयू से रामनाथ ठाकुर का नाम भी सामने आ रहा है।
धनखड़ ने हाल ही में तमिलनाडु विधेयक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सवाल उठाया था, जिससे संवैधानिक विशेषज्ञों और विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।