छोटे शहरों में दिवाली खरीदारी का उभार, ऑनलाइन बिक्री ने मेट्रो शहरों को पछाड़ा

इस साल दिवाली के दौरान ऑनलाइन खरीदारी में छोटे शहरों का योगदान अभूतपूर्व रहा है, जो कुल बिक्री का लगभग 75 प्रतिशत है। तीसरी श्रेणी के शहरों ने विशेष रूप से 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया। लॉजिस्टिक प्लेटफॉर्म क्लिकपोस्ट के आंकड़ों के अनुसार, ये क्षेत्र अब त्योहारी ई-कॉमर्स के सबसे बड़े संचालक बन गए हैं। जानें कैसे दुर्गा पूजा और करवा चौथ ने मांग को बढ़ाया और कैश ऑन डिलिवरी का चलन कैसे बना।
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छोटे शहरों में दिवाली खरीदारी का उभार, ऑनलाइन बिक्री ने मेट्रो शहरों को पछाड़ा

ऑनलाइन दिवाली खरीदारी का नया ट्रेंड

छोटे शहरों में दिवाली खरीदारी का उभार, ऑनलाइन बिक्री ने मेट्रो शहरों को पछाड़ा

ऑनलाइन दिवाली खरीदारी


इस वर्ष दिवाली के दौरान ऑनलाइन खरीदारी में छोटे शहरों का योगदान सबसे अधिक रहा, जो कुल ई-कॉमर्स बिक्री का लगभग 75 प्रतिशत है। विशेष रूप से, तीसरी श्रेणी के शहरों ने 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया। लॉजिस्टिक प्लेटफॉर्म क्लिकपोस्ट ने 4.25 करोड़ से अधिक ऑर्डर के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिससे पता चला कि ये क्षेत्र अब त्योहारी ई-कॉमर्स के सबसे बड़े और तेज़ संचालक बन गए हैं। इस प्रकार, गैर-महानगरों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।


रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि "गैर-महानगर भारत का आकार आश्चर्यजनक है। 2025 में सभी ऑर्डर में 50.7 प्रतिशत केवल तीसरी श्रेणी के शहरों से आए। दूसरी श्रेणी (24.8 प्रतिशत) और तीसरी श्रेणी के शहर मिलकर भारत के कुल ऑर्डर का लगभग 74.7 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे ई-कॉमर्स की वृद्धि में इनकी भूमिका की पुष्टि होती है।"


दुर्गा पूजा से बढ़ी मांग


दुर्गा पूजा के कारण त्योहारी मांग में तेजी आई, जिसमें पूजा से पहले के सप्ताह में फैशन ऑर्डर में 14.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। करवा चौथ पर कॉस्मेटिक खरीदारी फैशन खरीदारी से लगभग दोगुनी हो गई। भारत के लॉजिस्टिक नेटवर्क ने त्योहारी खेप के लिए औसत डिलिवरी समय 2.83 दिन बनाए रखा। इस दौरान हाइपरलोकल डिलिवरी की हिस्सेदारी सालाना 42 प्रतिशत बढ़कर सभी ऑर्डर का 8.7 प्रतिशत हो गई।


तीसरी श्रेणी के शहरों में कैश ऑन डिलिवरी सबसे पसंदीदा तरीका बना रहा, जहां 52 प्रतिशत ऑर्डर इसी माध्यम से आए। वहीं, देशभर में उच्च-मूल्य वाले लेनदेन में पहले से भुगतान का चलन बढ़ा। औसत ऑर्डर मूल्य सालाना आधार पर 32.5 प्रतिशत बढ़कर 2025 में 4,346 रुपये हो गया। क्लिकपोस्ट के सह-संस्थापक और सीईओ नमन विजय ने कहा, "हम भारतीय खुदरा क्षेत्र के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जहां तीसरी श्रेणी के शहर महानगरों से अधिक ऑर्डर देते हैं और कैश ऑन डिलिवरी अब भी प्राथमिकता है।"