छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले का खुलासा
रायपुर
छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप लगे हैं। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को रायपुर की विशेष अदालत में पेश की गई आठवीं चार्जशीट में बताया कि चैतन्य बघेल को इस घोटाले से 200 से 250 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि चैतन्य के सिंडिकेट को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिला था, जिससे यह घोटाला लंबे समय तक चलता रहा। वर्तमान में, घोटाले की कुल राशि 3074 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जबकि जांच से संकेत मिलते हैं कि यह राशि 3500 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।
चैतन्य बघेल पर आरोप
ईओडब्ल्यू और एसीबी ने चार्जशीट में चैतन्य बघेल को तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में आरोपी ठहराया है। इस मामले में अब तक कुल आठ चार्जशीट पेश की जा चुकी हैं। नई चार्जशीट में पहले से गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ जांच की स्थिति रिपोर्ट भी शामिल है।
सिंडिकेट का संचालन
चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि चैतन्य बघेल ने अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया, अरुणपति त्रिपाठी और निरंजन दास जैसे अधिकारियों के बीच समन्वयक की भूमिका निभाई। ये सभी प्रशासनिक स्तर पर सिंडिकेट के हितों के अनुसार कार्य करते थे।
घोटाले की रकम का प्रबंधन
चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि चैतन्य ने अपने विश्वसनीय सहयोगियों के माध्यम से घोटाले की रकम को प्रबंधित किया। उन्होंने शराब व्यवसायी त्रिलोक सिंह ढिल्लों की विभिन्न फर्मों के माध्यम से अपने हिस्से की रकम प्राप्त की और इसे बैंकिंग चैनलों के जरिए अपने पारिवारिक फर्मों में ट्रांसफर किया।
घोटाले का अनुमानित नुकसान
जांच एजेंसी ने बताया कि चैतन्य ने उच्च स्तर पर अपराध की कमाई को प्रबंधित किया और लगभग 200 से 250 करोड़ रुपये प्राप्त किए। इस घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी।
गिरफ्तारी की जानकारी
चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को ईडी ने भिलाई स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था। वर्तमान में, वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
