छत्तीसगढ़ में हाफ बिजली बिल योजना में बदलाव: 100 यूनिट तक ही मिलेगा लाभ

छत्तीसगढ़ सरकार ने हाफ बिजली बिल योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके तहत अब यह योजना केवल 100 यूनिट तक की खपत पर लागू होगी। पहले 400 यूनिट तक की खपत पर उपभोक्ताओं को आधा बिल देना होता था। इस नई नीति का उद्देश्य ऊर्जा की बचत और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है। जानें इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ और नियमों के बारे में।
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छत्तीसगढ़ में हाफ बिजली बिल योजना में बदलाव: 100 यूनिट तक ही मिलेगा लाभ

छत्तीसगढ़ की नई बिजली बिल योजना


रायपुर : छत्तीसगढ़ में हाफ बिजली बिल योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब यह योजना केवल 100 यूनिट तक की खपत पर लागू होगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।


इस योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत प्रदान करना है। पहले, 400 यूनिट तक की खपत पर आधा बिल देना होता था, लेकिन अब इसे संशोधित कर 100 यूनिट तक सीमित कर दिया गया है। इससे अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।


ऊर्जा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पहले 400 यूनिट तक की मासिक खपत पर बिजली बिल में 50% की छूट दी जाती थी। अब इसे 100 यूनिट तक सीमित कर दिया गया है।


नए नियमों के अनुसार, केवल वे उपभोक्ता जो 100 यूनिट तक की खपत करते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। यदि किसी माह उपभोक्ता की खपत 100 यूनिट से अधिक होती है, तो उस माह योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 6 माह से अधिक बकाया नहीं होना चाहिए।


एकल बत्ती योजना के तहत पात्र उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 30 से 100 यूनिट तक की खपत पर 50% छूट मिलती रहेगी।


सौर ऊर्जा को बढ़ावा

सौर ऊर्जा को भी प्रोत्साहन


यह योजना केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना से भी जुड़ी हुई है। केंद्र सरकार 1kW, 2kW, और 3kW या उससे अधिक क्षमता के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर क्रमशः 30,000, 60,000 और अधिकतम 78,000 रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। राज्य सरकार भी 1kW के लिए ₹15,000 और 2kW या उससे अधिक के लिए अधिकतम 30,000 रुपए की सब्सिडी देगी।


यह संशोधन घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा की बचत और सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक उपभोक्ता “हाफ बिजली” से “मुफ्त बिजली” की ओर बढ़ें। ऊर्जा विभाग द्वारा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पूर्व में गठित समिति कार्यरत रहेगी, और अनुदान एवं अन्य वित्तीय प्रावधान पहले की तरह लागू रहेंगे।