छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी पर विश्व हिंदू परिषद की प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी के बाद विश्व हिंदू परिषद ने केंद्र सरकार से धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कानून लाने की मांग की है। महासचिव सुरेंद्र जैन ने चर्च पर मानव तस्करी के आरोपों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पर भी आरोप लगाया कि वे इस मामले में विरोध कर रही हैं। इस बीच, ननों की जमानत याचिकाएँ खारिज कर दी गई हैं और मामला एनआईए अदालत में जाएगा।
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छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी पर विश्व हिंदू परिषद की प्रतिक्रिया

धर्मांतरण पर कानून लाने की मांग

छत्तीसगढ़ में तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में दो ननों की गिरफ्तारी पर विश्व हिंदू परिषद के महासचिव सुरेंद्र जैन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए एक कानून बनाए। जैन ने कहा कि चर्च पर मानव तस्करी के आरोप पहले भी लगते रहे हैं और इसे रोकना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे आरोपों का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। सेवा के नाम पर चल रहे अवैध धंधे को समाप्त किया जाना चाहिए। जैन ने कहा कि कुछ राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हैं, लेकिन इसे देशभर में लागू करने की आवश्यकता है।


कांग्रेस पर आरोप

जैन ने यह भी कहा कि ननों की गिरफ्तारी के बाद एक "हिंदू-विरोधी माहौल" उत्पन्न हो गया है और उन्होंने कांग्रेस की आलोचना की। उनका कहना था कि कांग्रेस को इस मामले में विरोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि कुछ गलत हो रहा है। तिरुवनंतपुरम के मेजर आर्कबिशप, कार्डिनल बेसिलियोस क्लीमिस ने जबरन धर्मांतरण के आरोपों से इनकार किया है, यह कहते हुए कि कथित पीड़ित पहले से ही ईसाई थे।


न्यायिक प्रक्रिया

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार केरल की ननों की जमानत याचिकाएँ निचली अदालत और सत्र न्यायालय दोनों ने खारिज कर दी हैं। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनीश दुबे ने कहा कि मानव तस्करी के आरोपों के कारण यह मामला एनआईए अदालत के दायरे में आता है। अब इस मामले की सुनवाई बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट में होगी, और तब तक नन न्यायिक हिरासत में रहेंगी।