छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केंद्रों की स्थापना और किसानों का स्वागत

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए 2739 केंद्रों की स्थापना की गई है, जहां किसानों का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों को शुभकामनाएं दीं और धान खरीद की प्रक्रिया को पारदर्शी और सम्मानजनक बनाने का आश्वासन दिया। इस अभियान का उद्देश्य किसानों के श्रम का सम्मान करना है। जानें इस धान खरीदी प्रक्रिया के बारे में और अधिक जानकारी।
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धान खरीदी केंद्रों की स्थापना

छत्तीसगढ़ में इस वर्ष धान की खरीद के लिए 2739 केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां किसानों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए माइक्रो एटीएम भी लगाए गए हैं। पहले दिन, राज्य में 18639 क्विंटल धान की खरीद की गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी किसानों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि किसानों की मेहनत से राज्य में समृद्धि का माहौल बना है.


किसानों का स्वागत समारोह

धान की खरीद के पहले दिन, राज्यभर में किसानों का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। विभिन्न जिलों में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और स्थानीय प्रतिनिधियों ने धान खरीद का औपचारिक शुभारंभ किया। उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने बिलासपुर जिले के सेंदरी केंद्र में और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले के महाराजपुर केंद्र में धान खरीद की शुरुआत की.


पूजा-अर्चना के साथ धान खरीद की शुरुआत

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर जिले के पल्ली केंद्र में पूजा-अर्चना कर धान खरीद अभियान का औपचारिक आरंभ किया। इसी तरह, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कांकेर जिले के मालगांव केंद्र में पारंपरिक रीति से धान की पूजा कर खरीद प्रक्रिया शुरू की.


पारदर्शी और सम्मानजनक प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य है कि हर किसान बिना किसी कठिनाई के अपना धान बेच सके और समय पर भुगतान प्राप्त कर सके। आज किसानों ने जिस उत्साह के साथ खरीद केंद्रों का रुख किया, वह राज्य की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था की मजबूती का प्रतीक है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल धान खरीदना नहीं, बल्कि किसानों के श्रम का सम्मान करना है.