छत्तीसगढ़ में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन
आदिवासी नायकों की शौर्यगाथा
जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का अवलोकन करते पीएम मोदी.
देश की स्वतंत्रता में भगवान बिरसा मुंडा, रानी गाईदीन्ल्यू, और सिदो-कान्हू जैसे आदिवासी नायकों का योगदान महत्वपूर्ण है। हालांकि, कई ऐसे नायक हैं जिनके योगदान को भुला दिया गया है। ब्रिटिश शासन के दौरान छत्तीसगढ़ के आदिवासी नायकों ने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ कई संघर्ष किए। ये जनजातीय आंदोलन जल, जंगल, और जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए थे, लेकिन उनके योगदान का दस्तावेजीकरण आज भी अधूरा है।
पीएम मोदी ने इन नायकों के बलिदान को नई पीढ़ी के सामने लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में, उन्होंने 1 नवंबर को रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक एवं जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया। यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के नायकों के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को दर्शाता है।

नवा रायपुर अटल नगर में संग्रहालय का उद्घाटन
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदायों के साहस और बलिदान को समर्पित है। उन्होंने संग्रहालय का अवलोकन किया और शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक का उद्घाटन भी किया।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदायों के अदम्य साहस, बलिदान और देशभक्ति को समर्पित जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का आज नवा रायपुर अटल नगर में शुभारंभ किया। इस दौरान संग्रहालय का अवलोकन करने के साथ ही शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक के उद्घाटन और उनकी प्रतिमा के अनावरण का भी सौभाग्य pic.twitter.com/XGEtXTfxcH
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2025
शहीद वीर नारायण सिंह को छत्तीसगढ़ का पहला शहीद माना जाता है। यह संग्रहालय लगभग दस एकड़ में फैला हुआ है और 16 अलग-अलग दीर्घाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ के जनजातीय प्रतिरोध और बलिदान की कहानी को प्रस्तुत करता है। यहां 650 मूर्तियों, डिजिटल कथाओं, और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के साथ-साथ इंटरएक्टिव अनुभव भी उपलब्ध हैं।

संग्रहालय की विशेषताएँ
- स्वतंत्रता संग्राम: इसमें प्रमुख जनजातीय विद्रोहों जैसे हल्बा क्रांति, सरगुजा क्रांति, और भुमकल क्रांति को दर्शाया गया है।
- महिला प्रतिरोध: इसमें 1878 की रानी चो-रिस क्रांति को प्रमुखता से दिखाया गया है।
- शहीद वीर नारायण सिंह और 1857 का विद्रोह: इसमें उनके संघर्ष और बलिदान की गाथा को बताया गया है।
- झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह: महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलनों में जनजातीय समुदायों की भागीदारी को दर्शाया गया है।
छत्तीसगढ़ आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि शहीद वीर नारायण सिंह की वंशावली भी संग्रहालय में प्रदर्शित की गई है। इसके अलावा, मोदी सरकार 11 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय विकसित कर रही है, जिनमें से चार संग्रहालय पहले ही बन चुके हैं।
