छत्तीसगढ़ के गांव में रेबीज संक्रमित बकरों की बलि से दहशत का माहौल
गांव में धार्मिक पूजा के दौरान बकरों की बलि
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सरगांवा गांव में एक घटना ने स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। यहां एक धार्मिक पूजा के दौरान 13 बकरों की बलि दी गई, जिनमें से एक बकरा रेबीज से संक्रमित कुत्ते द्वारा काटा गया था।
28 दिसंबर को आयोजित पारंपरिक “निकाली पूजा” के दौरान इस बकरे की बलि दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि बकरा काटने से पहले उसे रेबीज से बचाने के लिए वैक्सीन लगाने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसके बावजूद उसे बलि के लिए चुना गया।
गांव में अफरा-तफरी का माहौल
इस घटना के बाद लगभग 400 ग्रामीणों ने बकरों का मांस खाया। जैसे ही यह जानकारी फैली कि बकरा कुत्ते के काटने का था, गांव में हड़कंप मच गया। लोग चिंतित हैं कि कहीं रेबीज का संक्रमण न फैल जाए। ग्रामीणों ने सरपंच नारायण प्रसाद और उपसरपंच कृष्णा सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कुत्ते द्वारा काटे गए बकरों को बलि के लिए खरीदा था। अब जब मामला बढ़ गया है, तो दोनों ही सवालों से बचते नजर आ रहे हैं।
गांव के लोग इतने डरे हुए हैं कि कई परिवारों ने अपने बच्चों को घर से बाहर जाने से मना कर दिया है। ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि गांव में तुरंत एक मेडिकल कैंप लगाया जाए, ताकि सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सके और रेबीज से बचाव के लिए इंजेक्शन दिए जा सकें।
वरिष्ठ पशु चिकित्सक सी. के. मिश्रा ने बताया कि यदि मांस को अच्छी तरह पकाकर खाया गया है, तो रेबीज फैलने की संभावना कम होती है। हालांकि, एहतियात बरतना आवश्यक है और सभी ग्रामीणों को चिकित्सीय जांच करानी चाहिए।
ग्रामीणों के बयान इस डर को और बढ़ा रहे हैं। अजीत यादव ने कहा कि हमें बाद में पता चला कि बकरा कुत्ते के काटने वाला था, अब पूरा गांव डर में है। अमरजीत और अमृत हलदर ने भी प्रशासन से तुरंत मेडिकल कैंप की मांग की। महिला बकरा मालकिन ने बताया कि बकरे को कुत्ते ने काटा था, लेकिन इसके बाद की जानकारी सरपंच को थी।
