छत्तीसगढ़ की 14 वर्षीय राजेश्वरी की दुर्लभ बीमारी: इचथियोसिस हिस्ट्रीक्स का सामना

छत्तीसगढ़ के एक आदिवासी क्षेत्र में 14 वर्षीय राजेश्वरी एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी इचथियोसिस हिस्ट्रीक्स से जूझ रही है, जो उसकी त्वचा को पत्थर जैसा बना रही है। यह बीमारी उसके दैनिक जीवन को बेहद कठिन बना रही है। जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार के उपाय। परिवार ने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
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राजेश्वरी की दर्दनाक कहानी

छत्तीसगढ़ के एक आदिवासी क्षेत्र में एक युवा लड़की राजेश्वरी एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है, जो उसकी त्वचा को धीरे-धीरे कठोर और पत्थर जैसा बना रही है। उसके परिवार के अनुसार, यह समस्या चार साल की उम्र से शुरू हुई, जब उसके शरीर पर छोटे-छोटे फफोले उभरने लगे। ये फफोले धीरे-धीरे सख्त होकर उसके हाथ, पैर और अन्य हिस्सों पर फैल गए हैं। हालांकि उसके चेहरे पर इसका प्रभाव कम है, लेकिन बाकी शरीर पर यह इतना गंभीर है कि वह ठीक से बैठ या चल नहीं पाती।


बीमारी का विवरण

राजेश्वरी की स्थिति ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है, जहां वे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मदद की गुहार लगा रहे हैं। यह बीमारी इचथियोसिस हिस्ट्रीक्स कहलाती है, जो एक रेयर स्किन डिसऑर्डर है। इसके कारण त्वचा सूखी, खुरदरी और सख्त हो जाती है। इस बीमारी के कारण राजेश्वरी को दैनिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।


बीमारी के लक्षण और कारण

इचथियोसिस हिस्ट्रीक्स के लक्षणों में त्वचा का लाल होना, स्केलिंग और गंभीर फफोले शामिल हैं। यह बीमारी मुख्य रूप से जेनेटिक म्युटेशन के कारण होती है, जो त्वचा की सामान्य प्रक्रिया को बाधित करती है। इसके चलते त्वचा में कठोरता आ जाती है।


इलाज और प्रबंधन

हालांकि इस बीमारी का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है। साबुन-मुक्त क्लेंजर का उपयोग, मोटे मॉइस्चराइज़र लगाना और विटामिन सप्लीमेंट्स लेना इसके प्रबंधन में मदद कर सकता है। परिवार को सरकारी सहायता और एनजीओ से मदद की आवश्यकता है।