चेन्नई का वरसिद्धि विनायक मंदिर: आस्था और चमत्कारों का केंद्र

मंदिर का परिचय
दक्षिण भारत की सांस्कृतिक राजधानी चेन्नई अपने प्राचीन और अद्भुत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से एक है कोट्टूर का श्री वरसिद्धि विनायक मंदिर, जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं है, बल्कि आस्था, न्याय और चमत्कारों का केंद्र भी माना जाता है।
मंदिर का इतिहास और महत्व

इस मंदिर का इतिहास बहुत ही गौरवमयी और प्राचीन है। इसे 11वीं सदी में चोल शासक कुलोथुंगा चोल-1 द्वारा स्थापित किया गया था और बाद में 1336 में विजयनगर साम्राज्य द्वारा इसका विस्तार किया गया। कहा जाता है कि यहाँ स्थापित गणेश की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। यह भी कहा जाता है कि तीन शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों ने इस मूर्ति को एक कुएं से निकाला और केवल इसे छूने से उनकी शारीरिक समस्याएं दूर हो गईं।
कैसे जाएं?
चूंकि यह मंदिर चेन्नई में स्थित है, इसलिए यहाँ पहुँचना आसान है।
कैसे पहुँचें?
यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन चित्तूर है, जो मंदिर से लगभग 12 किमी दूर है। यदि आप हवाई यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो तिरुपति हवाई अड्डा आपके लिए निकटतम होगा, जहाँ से मंदिर की दूरी 84 किमी है। चेन्नई हवाई अड्डे से यह दूरी लगभग 160 किमी है।
दर्शन के समय
दर्शन के समय
मंदिर सुबह 5:30 बजे से 12:30 बजे तक और शाम 4:00 बजे से 9:00 बजे तक खुला रहता है। हालांकि, विशेष पूजा और त्योहारों के दौरान समय में बदलाव हो सकता है।
यात्रा के लिए सुझाव
इन बातों का ध्यान रखें:
सही समय चुनें- सुबह का समय यात्रा के लिए सबसे अच्छा होता है। इस समय भीड़ कम होती है और वातावरण शांत और आध्यात्मिक होता है। सप्ताह के दिनों में भीड़ कम होती है।
विशेष दिन- बुधवार और संकष्ट चतुर्थी के दिन मंदिर में भक्तों की भीड़ अधिक होती है।
नजदीकी आकर्षण- मंदिर के दर्शन के बाद आप पास के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों जैसे कपालेश्वर मंदिर या मरीन बीच का भी दौरा कर सकते हैं।
इसके अलावा, मंदिर में जाते समय अपने कपड़ों का विशेष ध्यान रखें और चप्पल या टोपी पहनकर न जाएं। मंदिर के अंदर फोटोग्राफी भी प्रतिबंधित है। इन बातों का ध्यान रखते हुए आप मंदिर का शांतिपूर्ण दर्शन कर सकते हैं।
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