चूहा हत्या मामले में आरोपी की मुसीबतें बढ़ीं, जानें पूरा घटनाक्रम

बदायूं में चूहा हत्या के मामले में आरोपी मनोज की कहानी ने सबको चौंका दिया है। उसने चूहों से परेशान होकर एक चूहे को मार दिया, लेकिन उसे नहीं पता था कि यह कदम उसे गंभीर कानूनी समस्याओं में डाल देगा। जानें कैसे एक साधारण घटना ने उसे कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंसा दिया और अब उसे छह महीने तक की सजा का सामना करना पड़ सकता है। इस मामले में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
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चूहा हत्या मामले में आरोपी की मुसीबतें बढ़ीं, जानें पूरा घटनाक्रम

बदायूं में चूहा हत्या का मामला

चूहा हत्या: अपराध कबूल किया... माफी मांगी लेकिन राहत नहीं मिली; आरोपी ने कहा – नहीं पता था कि मैं फंस जाऊंगा


बदायूं में एक व्यक्ति, मनोज, ने चूहा मारने की कोशिश की, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि यह कदम उसे गंभीर कानूनी समस्याओं में डाल देगा। सदर कोतवाली क्षेत्र में हुई इस घटना के बाद मनोज को यह समझ में आया कि चूहा मारने पर भी उसके खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है।


मनोज ने पुलिस हिरासत में स्वीकार किया कि वह चूहों से परेशान था, क्योंकि उन्होंने उसके घर का सामान बर्बाद कर दिया था। उसने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण वह खुद भी मुश्किल में था और चूहों ने उसके कपड़े भी खराब कर दिए थे। इसलिए उसने चूहे को पत्थर से बांधकर नाले में फेंक दिया।


गुनाह कबूल करने के बाद, मनोज ने माफी मांगी और कहा कि वह भविष्य में ऐसा नहीं करेगा। पुलिस ने उसकी स्वीकार्यता के बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसके बाद चार्जशीट अदालत में पेश की गई। चार्जशीट तैयार करने में पुलिस को चार महीने लगे।


घटना का विवरण: पिछले साल 25 नवंबर को, मनोज ने अपने घर से चूहा पकड़ा और उसे नाले में फेंक दिया। इस दौरान, एक पशु अधिकार कार्यकर्ता ने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद मनोज को गिरफ्तार किया गया।


चूहे का बरेली में पोस्टमार्टम कराया गया, और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मनोज को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।


मनोज ने कहा कि उसे नहीं पता था कि चूहा मारने के कारण उसे इतनी बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। उसने बताया कि चूहा उसके घर में काफी समय से परेशानी पैदा कर रहा था।


जिला बार एसोसिएशन के महासचिव ने बताया कि चार्जशीट में जिन धाराओं का उल्लेख है, वे जमानतीय अपराध हैं, और इस मामले में आरोपी को छह महीने तक की सजा हो सकती है।


पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है और चार्जशीट अदालत में पेश की जा चुकी है।