चूरू में ट्रक व्यवसायियों का धरना जारी, सांसद ने सरकार को दी चेतावनी

चूरू में ट्रक व्यवसायियों का धरना छठे दिन भी जारी है, जहां सांसद राहुल कस्वां ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के महत्व पर जोर दिया और अधिकारियों से सवाल किया कि वे क्या साबित करना चाहते हैं। ट्रक यूनियन के अध्यक्ष ने भी बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
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चूरू में ट्रक व्यवसायियों का धरना जारी, सांसद ने सरकार को दी चेतावनी

धरना और चक्का जाम का छठा दिन

चूरू में ट्रक व्यवसायियों का धरना जारी, सांसद ने सरकार को दी चेतावनी


सुजानगढ़ (चूरू) में ट्रक व्यवसायियों का धरना डीटीओ ऑफिस के सामने छठे दिन भी जारी रहा। धरने और चक्का जाम के कारण डीटीओ ऑफिस के आसपास वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। चूरू के सांसद राहुल कस्वां और रतनगढ़ के विधायक पूसाराम गोदारा ने रात में धरना स्थल पर पहुंचकर ट्रक, माइनिंग और क्रेशर व्यवसायियों को समर्थन दिया। उन्होंने सरकार से मांग की कि गाड़ियों की आरसी को जल्द बहाल किया जाए और ई-रवन्ना की माफी दी जाए।


सांसद कस्वां ने कहा कि सरकार को सद्बुद्धि मिले ताकि यह आंदोलन समाप्त हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सुनवाई नहीं हुई, तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।


सांसद का सवाल और चेतावनी

कस्वां ने सवाल उठाया कि अधिकारी क्या साबित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान सरकार ने जनता का ध्यान नहीं रखा, तो सरकार को जाने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने तुगलकी फरमान को तुरंत वापस लेने की मांग की। सांसद ने यह भी कहा कि तीन साल बाद डेटा उठाकर पेनल्टी लगाना क्या दर्शाता है। वे संसद में इस मुद्दे को उठाकर समाधान की कोशिश करेंगे।


ट्रांसपोर्ट व्यवसाय का महत्व

राहुल कस्वां ने कहा कि चूरू में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय एकमात्र आय का स्रोत है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि क्रेशर और माइनिंग विभाग बंद हो गया, तो इसका क्या परिणाम होगा। सरकार को इस व्यवसाय को बंद करने के बजाय इसे समर्थन देना चाहिए।


बड़े आंदोलन की चेतावनी

इस बीच, ट्रक यूनियन के अध्यक्ष हेतराम खिलेरी ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़े आंदोलन की योजना बनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि डीटीओ ऑफिस के सामने अनिश्चितकालीन धरना और चक्का जाम तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।