चीनी महिला को भारत में अवैध प्रवेश के लिए आठ साल की सजा
एक स्थानीय अदालत ने एक चीनी महिला को भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए आठ साल की जेल और 50,000 रुपये का जुर्माना सुनाया है। महिला को बौद्ध भिक्षु के वेश में गिरफ्तार किया गया था, जब वह नेपाल से भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर रही थी। अदालत ने उसे बिना वैध दस्तावेज़ों के दोषी पाया और सजा सुनाई। इस मामले में कई विदेशी दस्तावेज़ भी जब्त किए गए थे।
| Nov 18, 2025, 13:19 IST
अदालत का निर्णय
एक स्थानीय अदालत ने एक चीनी महिला को आठ साल की जेल और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह महिला दो साल पहले बौद्ध भिक्षु के रूप में भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार की गई थी। यह मामला 2 दिसंबर, 2023 का है, जब सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों ने उसे भारत-नेपाल सीमा पर रुपईडीहा चौकी पर रोका। जांचकर्ताओं के अनुसार, महिला साधुओं के वस्त्र पहनकर नेपाल में प्रवेश करने का प्रयास कर रही थी। 45 वर्षीय महिला का नाम ली शिनमेई है, जिसके पास चीन गणराज्य का पासपोर्ट था, जिसमें उसका पता शांदोंग प्रांत लिखा था। उसके पास 19 नवंबर, 2023 से 16 फरवरी, 2024 तक वैध नेपाली वीज़ा भी था। अधिकारियों ने पुष्टि की कि वह बिना वैध दस्तावेज़ों के भारत में प्रवेश कर गई थी।
विदेशी दस्तावेज़ और सामान जब्त
अधिकारियों के अनुसार, चूंकि ली हिंदी या अंग्रेज़ी नहीं समझती थीं, इसलिए उनसे एक दुभाषिए की मदद से पूछताछ की गई। सुरक्षाकर्मियों ने उनके पास से कई विदेशी दस्तावेज़, पासपोर्ट, चीनी नागरिकता कार्ड, कई एटीएम कार्ड, एक मोबाइल फ़ोन, ईयरफ़ोन, एक मसाजर, एक स्मृति पुस्तिका और चीनी भाषा में लिखा एक धार्मिक ग्रंथ बरामद किया। इसके बाद, रुपईडीहा पुलिस स्टेशन में विदेशी अधिनियम की धारा 14A के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में आरोप पत्र दिसंबर 2023 में दायर किया गया था।
अदालत का फैसला और सजा
अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश कविता निगम ने अपना निर्णय सुनाते हुए ली को बिना वैध वीज़ा के भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने का दोषी पाया। उन्हें आठ साल की कठोर कारावास और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। अदालत ने यह भी कहा कि यदि जुर्माना नहीं भरा गया, तो उन्हें छह महीने की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
