चीन में एचएमपीवी वायरस का खतरा: जानें लक्षण और उपचार

चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। अस्पतालों के बाहर भारी भीड़ और सांस से जुड़ी समस्याओं की रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं। इस वायरस के लक्षण कोरोनावायरस से मिलते-जुलते हैं, लेकिन इसके लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। जानें एचएमपीवी के प्रभाव, उपचार और भारत में स्थिति के बारे में।
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चीन में एचएमपीवी वायरस का खतरा: जानें लक्षण और उपचार

चीन में एचएमपीवी वायरस का बढ़ता खतरा

चीन में एक नया वायरस, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी), तेजी से फैलता हुआ नजर आ रहा है। हाल के दिनों में, अस्पतालों के बाहर भारी भीड़ के वीडियो सामने आए हैं, जो इस संक्रमण के बढ़ने का संकेत देते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, एचएमपीवी के कारण लोगों में सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं। हालांकि, हॉन्गकॉन्ग में इस वायरस के मामले अभी कम हैं।


एचएमपीवी और अन्य वायरस

चीन में एचएमपीवी के अलावा इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लास्मा न्यूमोनिए और कोरोनावायरस के दोबारा फैलने की भी खबरें हैं। कुछ अनाम स्रोतों से यह भी बताया गया है कि चीन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपातकाल की घोषणा की है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने एचएमपीवी के लक्षणों की निगरानी बढ़ा दी है, जो कोरोनावायरस के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं।


एचएमपीवी वायरस की जानकारी

एचएमपीवी क्या है?
एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है, जिसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का हिस्सा है और खांसने या छींकने से फैलता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह वायरस पिछले छह दशकों से सक्रिय है।


एचएमपीवी का प्रभाव
यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा वाले वयस्कों और बुजुर्गों पर भी इसका असर हो सकता है। इसके लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार और कफ शामिल हैं। गंभीर मामलों में, यह ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया का कारण बन सकता है।


उपचार और वैक्सीन
वर्तमान में एचएमपीवी के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। एंटीवायरल दवाएं भी प्रभावी नहीं हैं। हल्के लक्षणों के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं, लेकिन वायरस को खत्म करने का कोई उपचार नहीं है।


एचएमपीवी का वैश्विक प्रभाव

2023 में एचएमपीवी के मामले नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन में देखे गए हैं। बीजिंग के एक अस्पताल के विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनना और हाथों की सफाई से संक्रमण को रोका जा सकता है।


चीन की प्रतिक्रिया

चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने हाल ही में अज्ञात कारणों से निमोनिया के मामलों पर नजर रखने के लिए एक नई निगरानी प्रणाली शुरू की है। सर्दियों में श्वसन रोगों के मामलों में वृद्धि की संभावना है।


कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद, चीन ने एचएमपीवी के लिए प्रोटोकॉल स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत श्वसन संबंधी बीमारियों की रिपोर्टिंग और नियंत्रण के लिए नियम बनाए जाएंगे।


भारत की स्थिति

भारत में, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने एचएमपीवी के प्रकोप पर नजर रखी है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने कहा कि एचएमपीवी सामान्य जुकाम का कारण बन सकता है, लेकिन भारत में इस वायरस के मामलों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है।


उन्होंने लोगों को सामान्य सावधानियां बरतने की सलाह दी है, जैसे कि खांसी और जुकाम के दौरान दूसरों से दूरी बनाना।