चीन में HMPV वायरस का बढ़ता खतरा: स्वास्थ्य सेवाओं के प्रमुख का बयान

चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बढ़ते मामलों के बीच, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक जनरल डॉक्टर अतुल गोयल ने स्थिति को लेकर बयान दिया है। उन्होंने बताया कि यह वायरस सामान्य श्वसन समस्याएं उत्पन्न करता है और चिंता का विषय नहीं है। जानें इस वायरस के प्रभाव और स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी के बारे में।
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चीन में HMPV वायरस का बढ़ता खतरा: स्वास्थ्य सेवाओं के प्रमुख का बयान

चीन में HMPV वायरस का प्रकोप


सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि चीन में एक नया वायरस तेजी से फैल रहा है, जो कोविड-19 के समान है। इस वायरस को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कहा जा रहा है, और यह कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद चीन में प्रकट हुआ है।


विभिन्न रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्ट्स से यह स्पष्ट होता है कि यह वायरस तेजी से फैल रहा है, और कुछ लोगों का कहना है कि अस्पतालों और शवदाहगृहों में भीड़ बढ़ गई है। ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में अस्पतालों की भीड़ दिखाई दे रही है, जिसमें कुछ उपयोगकर्ता यह भी बता रहे हैं कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 जैसे कई वायरस फैल रहे हैं।


डॉक्टर अतुल गोयल का बयान

इस विषय पर स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक जनरल, डॉक्टर अतुल गोयल ने कहा कि मीडिया में चल रही खबरें यह दर्शाती हैं कि चीन में HMPV का प्रकोप गंभीर है। उन्होंने बताया कि मेटान्यूमोवायरस एक सामान्य श्वसन वायरस है, जो जुकाम जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है। यह विशेष रूप से बुजुर्गों और एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों में गंभीर हो सकता है।


हम तैयार हैं


डॉक्टर गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है, जिसके लिए चिंता करने की आवश्यकता हो। उन्होंने कहा कि सर्दियों में श्वसन वायरस और संक्रमण सामान्य हैं। इसके अलावा, उन्होंने आश्वासन दिया कि अस्पताल और संस्थान इस स्थिति को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, और बेड तथा ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।


मेडिकल सुविधाओं की स्थिति

डॉक्टर गोयल ने कहा कि इस बीमारी के लिए कोई विशेष दवा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसके खिलाफ कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में हमारे पास इस वायरस से संबंधित कोई केस नहीं आ रहे हैं, इसलिए हमारे पास इस विषय पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। ICMR के डेटा के अनुसार, सामान्य सर्दियों में जो होता है, वही स्थिति बनी हुई है।