चीन के नए निर्यात प्रतिबंधों से भारत की उद्योगों में हलचल

रेयर अर्थ मैगनेट पर चीन का नया कदम

रेयर अर्थ मैगनेट का मामला
चीन ने हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया है जो भारत के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हलचल पैदा कर सकता है। यह मामला रेयर अर्थ मैगनेट से संबंधित उत्पादों पर नए निर्यात प्रतिबंधों का है। इस नई नीति के चलते भारत की ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा और मशीनरी जैसे उद्योगों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
फेस्टिवल सीजन के दौरान जब भारत में उपभोग बढ़ रहा है और सरकार ने जीएसटी में राहत दी है, तब यह प्रतिबंध कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। विशेष रूप से, वे कंपनियां जो चीन से हल्के मैगनेट पुर्जे और असेंबली मंगवाकर अपने उत्पादन को बनाए रख रही थीं, अब संकट में हैं।
प्रतिबंध का दायरा
चीन ने यह नियम लागू किया है कि किसी भी घटक में यदि रेयर अर्थ मैगनेट का मूल्य 0.1% से अधिक है, तो उसका निर्यात 8 नवंबर से बिना सरकारी अनुमति के नहीं किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि भारत सहित अन्य देशों की कंपनियों को ऐसे उत्पाद खरीदने के लिए चीन से विशेष अनुमति लेनी होगी।
यह केवल कुछ हिस्सों की बात नहीं है। इन चुम्बकों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन मोटर्स, गियर शिफ्टिंग सिस्टम, रोटरी असेंबली, बैटरी सिस्टम, और ट्रैक्शन मोटर्स जैसे महत्वपूर्ण पुर्जों में होता है। जब इन पुर्जों की आपूर्ति बाधित होती है, तो पूरे उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
भारत पर प्रभाव
भारत की ऑटो कंपनियों ने पहले से ही रेयर अर्थ मैगनेट के पुराने प्रतिबंधों को देखते हुए हल्के चुम्बकों का उपयोग शुरू कर दिया था। लेकिन अब वह विकल्प भी चीन ने बंद कर दिया है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रतिबंध इतना व्यापक है कि इसका असर लगभग हर क्षेत्र पर पड़ेगा, जिसमें ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, एयरोस्पेस और मशीनरी शामिल हैं।
ऑटो सेक्टर में हजारों प्रकार के छोटे-बड़े पुर्जों की आवश्यकता होती है। यदि एक भी हिस्सा उपलब्ध नहीं होता है, तो पूरी गाड़ी या मशीन की असेंबली रुक सकती है। यही कारण है कि कंपनियों में चिंता का माहौल है।
वैकल्पिक स्रोतों की खोज
कंपनियां अब वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में जुटी हैं, लेकिन यह कार्य आसान नहीं है। उत्पादन की गुणवत्ता, आपूर्ति समय और तकनीकी संतुलन जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। इसके अलावा, अन्य देशों से समान तकनीक वाले पुर्जे मंगवाना भी महंगा हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यदि विकल्प मिल भी जाएं, तो भी चीन पर निर्भरता पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकती और यदि आपूर्ति श्रृंखला में एक भी लिंक टूटता है, तो उत्पादन रुक जाएगा।'