चीन का सोने का भंडार: वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल

चीन ने अपने सोने के भंडार को 500 टन से बढ़ाकर 4000 टन करने का निर्णय लिया है, जिससे वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई है। यह कदम न केवल आर्थिक चमत्कार का प्रतीक है, बल्कि डॉलर की एकाधिकार स्थिति में भी दरार डाल सकता है। जानें कैसे यह रणनीति वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है और भारतीय महिलाओं का सोने से गहरा रिश्ता क्या है।
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चीन का सोने का भंडार: एक नई रणनीति

नई दिल्ली। चीन, जो दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्तियों में से एक है, ने 2025 में अपने सोने के भंडार को 500 टन से बढ़ाकर 4000 टन करने का निर्णय लिया है। यह कदम वैश्विक बाजारों में हलचल पैदा कर रहा है। यह एक साधारण निवेश नहीं, बल्कि एक रणनीतिक योजना प्रतीत होती है, जो भविष्य में संभावित आर्थिक संकटों का संकेत दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से डॉलर की एकाधिकार स्थिति में दरार आ सकती है। सोना न केवल धन का प्रतीक है, बल्कि यह सुरक्षा का भी प्रतीक है। क्या चीन को पता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में कुछ बड़ा होने वाला है? यह सवाल निवेशकों के मन में गूंज रहा है।


सोने की खरीदारी में तेजी: आंकड़ों का विश्लेषण

2025 की शुरुआत से, चीन ने सोने की खरीदारी में तेजी लाई है। पहले जहां उसके पास लगभग 500 टन सोना था, वहीं अब यह आंकड़ा 4000 टन को पार कर चुका है। यह वृद्धि धीरे-धीरे नहीं, बल्कि लगातार महीनों की रणनीतिक खरीद से हुई है। वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतें बढ़ रही हैं, और चीन ने इस अवसर का लाभ उठाया है। केंद्रीय बैंक ने हर महीने छोटे लेकिन लगातार निवेश किए हैं, जिससे कुल भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि एक सोची-समझी योजना का हिस्सा है।


वैश्विक प्रभाव: बाजारों में हलचल

चीन के इस सोने के भंडार विस्तार ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। सोने की कीमतें पहले ही 30 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं, और चीन की मांग ने इस वृद्धि को और तेज कर दिया है। अन्य देशों के केंद्रीय बैंक भी अब सोने की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि रूस-यूक्रेन जैसे संघर्षों ने दिखाया है कि विदेशी मुद्रा पर निर्भरता जोखिम भरी हो सकती है। चीन का यह कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था को बहुध्रुवीय बनाने की दिशा में एक संकेत है।


भारतीय महिलाओं का सोने से गहरा रिश्ता

धनतेरस के दिन, भारतीय हिंदू परिवारों में सोने की खरीदारी एक उत्सव की तरह होती है। सोना न केवल गहनों का हिस्सा है, बल्कि यह एक भरोसेमंद निवेश भी है। भारतीय महिलाएं लगभग 24,000 टन सोने की मालिक हैं, जो दुनिया के कुल सोने के भंडार का लगभग 11 प्रतिशत है। यह मात्रा अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस और रूस के कुल सोने के भंडार से भी अधिक है।


सोने के भंडार का वितरण

किसके पास कितना सोना?
अमेरिका 8,133.46 टन
जर्मनी 3,350.25 टन
इटली 2,451.84 टन
फ्रांस 2,437.00 टन
रूस 2,329.63 टन
भारतीय महिलाएं 24,000 टन
Source: World Gold Council