चीन का अनोखा अंडरवॉटर डेटा सेंटर: समुद्र की गहराई में तकनीकी क्रांति

चीन ने समुद्र के नीचे दुनिया का पहला अंडरवॉटर डेटा सेंटर बनाने का पहला चरण पूरा कर लिया है। यह प्रोजेक्ट ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ तकनीक का एक उदाहरण है। इस डेटा सेंटर का अनोखा कूलिंग सिस्टम इसे विशेष बनाता है, जिससे ऊर्जा की खपत में कमी आएगी। इसके साथ ही, OpenAI ने अमेरिकी सरकार को पत्र लिखकर घरेलू ऊर्जा क्षमता में निवेश बढ़ाने की अपील की है, जिससे एआई में वैश्विक नेतृत्व चीन के हाथों में न जाए। जानें इस प्रोजेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी।
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चीन का अनोखा अंडरवॉटर डेटा सेंटर: समुद्र की गहराई में तकनीकी क्रांति

चीन का नया अंडरवॉटर डेटा सेंटर

चीन का अनोखा अंडरवॉटर डेटा सेंटर: समुद्र की गहराई में तकनीकी क्रांति

China Underwater Data CenterImage Credit source: Elizabeth Fernandez/Moment/Getty Images/Freepik

चीन ने एक ऐसा प्रोजेक्ट शुरू किया है जो तकनीकी दृष्टि से अद्वितीय है। इसने समुद्र के नीचे दुनिया का पहला अंडरवॉटर डेटा सेंटर बनाने का पहला चरण पूरा कर लिया है। यह डेटा सेंटर शंघाई के Lin-gang विशेष क्षेत्र में स्थित है और इसकी लागत 226 मिलियन डॉलर (लगभग 1876 करोड़ रुपये) है। इसे टिकाऊ और ऊर्जा-कुशल कंप्यूटिंग अवसंरचना के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

अंडरवॉटर डेटा सेंटर की विशेषताएं

इस डेटा सेंटर का अनोखा कूलिंग सिस्टम इसे विशेष बनाता है। पारंपरिक डेटा सेंटर में लगभग 50 प्रतिशत ऊर्जा एयर कंडीशनिंग और सर्वर को ओवरहीटिंग से बचाने में खर्च होती है। जबकि Lin-gang अंडरवॉटर डेटा सेंटर में सर्वर को समुद्र में रखा गया है, जिससे समुद्री पानी प्राकृतिक कूलिंग का काम करता है।

शंघाई हाईक्लाउड टेक्नोलॉजी के जनरल मैनेजर सु यांग के अनुसार, समुद्र में डेटा सेंटर बनाने से ठंडा रखने के लिए 10 प्रतिशत कम ऊर्जा की आवश्यकता होगी। यह डेटा सेंटर 24 मेगावॉट की कुल पावर कैपेसिटी पर काम करेगा और इसे मुख्य रूप से ऑफशोर विंड एनर्जी से ऊर्जा मिलेगी।

OpenAI का अमेरिकी सरकार को पत्र

चैटजीपीटी के निर्माता OpenAI ने अमेरिकी सरकार से घरेलू ऊर्जा क्षमता में निवेश बढ़ाने का अनुरोध किया है। पत्र में OpenAI ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में वैश्विक नेतृत्व चीन के हाथों में चला जाएगा। इस पत्र के बाद चीन के पहले अंडरवॉटर डेटा सेंटर की जानकारी सामने आई है।

OpenAI ने हाल ही में बताया कि पिछले वर्ष चीन ने 429 गीगावाट की नई पावर कैपेसिटी जोड़ी, जबकि अमेरिका ने केवल 51 गीगावाट की वृद्धि की।