चिरैया विधानसभा चुनाव: बीजेपी और आरजेडी के बीच कड़ा मुकाबला
चिरैया विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को मतदान होने वाला है, जहां बीजेपी और आरजेडी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। इस सीट का चुनावी इतिहास भी दिलचस्प है, जिसमें बीजेपी ने लगातार जीत हासिल की है। इस बार लालबाबू प्रसाद गुप्ता और लक्ष्मीनारायण यादव जैसे प्रमुख उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। जानें इस सीट के मतदाता वर्ग और चुनावी समीकरण के बारे में।
| Nov 10, 2025, 11:16 IST
चिरैया विधानसभा सीट पर मतदान की तैयारी
चिरैया विधानसभा क्षेत्र, जो पूर्वी चंपारण में स्थित है, में दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। यह सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। तब से यहां तीन बार चुनाव हुए हैं, और हर बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। इस क्षेत्र में बीजेपी और आरजेडी के बीच हमेशा से कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती रही है। यह सीट शिवहर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
मुख्य उम्मीदवारों की पहचान
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार लालबाबू प्रसाद गुप्ता को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल ने लक्ष्मीनारायण यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही, लक्ष्मी नारायण के पुत्र लालू प्रसाद यादव भी चुनावी दौड़ में शामिल हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी अपनी जीत को बनाए रख पाएगी।
चिरैया सीट का चुनावी इतिहास
2010 में हुए पहले चुनाव में भाजपा के अवनीश कुमार सिंह ने आरजेडी के उम्मीदवार को हराया था। इसके बाद 2015 में लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने भी जीत दर्ज की। 2020 में जेडीयू की एनडीए में वापसी के साथ, लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने फिर से आरजेडी के उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की। इस बार भी मुकाबला काफी रोचक रहने की उम्मीद है।
मतदाता वर्ग का प्रभाव
चिरैया विधानसभा क्षेत्र में यादव, राजपूत, भूमिहार, मुसलमान और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, सवर्ण, पिछड़ा और मुस्लिम वोट बैंक के समीकरण भी चुनावी परिणामों को प्रभावित करते रहे हैं।
