चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर की भूमिका की सराहना की, बिहार की राजनीति में बदलाव की उम्मीद

चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि जो लोग जाति और धर्म से ऊपर उठकर बिहार के विकास के लिए काम करना चाहते हैं, उनका स्वागत है। उन्होंने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी चर्चा की, जो राजनीतिक विवाद का विषय बन गया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और बिहार की राजनीति में क्या बदलाव आ सकते हैं।
 | 
चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर की भूमिका की सराहना की, बिहार की राजनीति में बदलाव की उम्मीद

चिराग पासवान की प्रशंसा

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने बुधवार को बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की ‘‘ईमानदार भूमिका’’ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जो लोग जाति, धर्म या पंथ से ऊपर उठकर राज्य के विकास के बारे में सोचते हैं, उनका स्वागत है। प्रशांत किशोर जन सुराज पार्टी के संस्थापक हैं।


किशोर के नारे पर पासवान की प्रतिक्रिया

जब पासवान से पूछा गया कि क्या किशोर ने उनके ‘बिहार पहले, बिहारी पहले’ नारे को ‘हाईजैक’ किया है, तो उन्होंने कहा कि कोई भी दूसरे के एजेंडे को नहीं छीन सकता। उन्होंने प्रशांत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वह बिहार की राजनीति में एक ईमानदार योगदान दे रहे हैं।


राजनीतिक विकल्पों की विविधता

पासवान ने यह भी कहा कि वह उन सभी का स्वागत करते हैं जो धर्म और जाति के मुद्दों से ऊपर उठकर बिहार के विकास के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने लोकतंत्र की खूबसूरती का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों के पास कई विकल्प होना बेहतर है।


बिहार में मतदाता सूची का विवाद

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के बीच यह एक बड़ा विवाद बन गया है। भाजपा की सहयोगी जदयू ने एसआईआर का समर्थन करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य योग्य मतदाताओं की पहचान करना है।


चुनाव आयोग की रिपोर्ट

चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में चल रहे एसआईआर में एक लाख मतदाता "अज्ञात" हैं। 7.17 करोड़ मतदाता गणना प्रपत्र प्राप्त और डिजिटल किए जा चुके हैं। आयोग ने यह भी बताया कि 20 लाख मतदाता "मृत" हैं और 28 लाख मतदाता अपने स्थायी पते से स्थानांतरित हो चुके हैं।


चुनावों से पहले की स्थिति

चिराग पासवान ने यह घोषणा की है कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, जिससे राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। भाजपा ने इस पर अपनी राय देने के लिए प्रेरित किया है, जबकि कांग्रेस ने भविष्यवाणी की है कि चुनाव के बाद वह राजग छोड़ने के लिए तैयार हैं।